शराब पीने का दोषी ठहराने के लिए केवल बाहरी जांच पर्याप्त सबूत नहीः हाईकोर्ट
punjabkesari.in Monday, Dec 11, 2023 - 07:21 PM (IST)
प्रयागराज : इलाहाबाद हाईकोर्ट ने कांस्टेबल द्वारा अपने वरिष्ठ पुलिस अधिकारी के साथ नशे की हालत में दुर्व्यवहार करने के मामले में अपने महत्वपूर्ण आदेश में कहा कि किसी व्यक्ति को शराब पीने का दोषी ठहराने के लिए केवल बाहरी जांच पर्याप्त सबूत नहीं है और ऐसी जांच के आधार पर यह निष्कर्ष नहीं निकाला जा सकता है कि आरोपी नशे की हालत में था। उक्त टिप्पणी न्यायमूर्ति सौमित्र दयाल सिंह और न्यायमूर्ति अनीश कुमार गुप्ता की खंडपीठ ने आदेश को चुनौती देने वाली कांस्टेबल जयमंगल राम की याचिका पर सुनवाई करते हुए दी।
डीआईजी, वाराणसी द्वारा जारी किए गए कारण बताओ नोटिस
कोर्ट ने कहा कि डीआईजी, वाराणसी द्वारा जारी किए गए कारण बताओ नोटिस में बताया गया है कि याची के पिछले आचरण के आधार पर याची के खिलाफ बर्खास्तगी की सजा प्रस्तावित की गई, जो याची, के प्रति पूर्वाग्रह दर्शाता है, इसलिए न्यायालय की राय में उक्त कारण बताओ नेटिस अवैध है। इसके साथ ही कोर्ट ने यह भी नोट किया कि पूछताछ के दौरान याची के खिलाफ नशे के कारण वरिष्ठों/सहकर्मियों के साथ दुर्व्यवहार का कोई आरोप साबित नहीं हुआ। मामले के अनुसार याची पुलिस लाइन, वाराणसी में कांस्टेबल के रूप में कार्यरत था। उसके खिलाफ आरोप है कि उसने नशे की हालत में अपने वरिष्ठ अधिकारी के साथ दुर्व्यवहार किया।
याची ने अपना स्पष्टीकरण में कहा- उसने शराब का सेवन नहीं किया था
आरोपों के जवाब में याची ने अपना स्पष्टीकरण प्रस्तुत करते हुए कहा कि कथित घटना की तारीख पर उसने शराब का सेवन नहीं किया था और न ही उसने अपने वरिष्ठ के साथ दुर्व्यवहार किया है। याची ने विशेष रूप से प्रस्तुत किया है कि वह कुछ समय से बीमार था, जिसके लिए वह आयुर्वेदिक दवाओं का सेवन करता था। सभी तथ्यों पर विचार करते हुए अंत में कोर्ट ने आदेश को रद्द कर दिया और याची को सेवा में निरंतरता के साथ उस अवधि के लिए 50% बकाया वेतन के साथ सेवा में बहाल करने का निर्देश दिया।