बांदा कृषि विवि में फर्जी नियुक्ति मामले में योगी की बड़ी कार्रवाई: नियमों को दरकिनार कर नियुक्ति पाने वालों से सरकार करेगी वसूली

punjabkesari.in Friday, Nov 18, 2022 - 06:52 PM (IST)

लखनऊ: सूबे के मुखिया योगी आदित्यनाथ प्रदेश में भ्रष्टाचार के खिलाफ जीरो टॉलरेंस की नीति पर काम कर रहे हैं। विभागों में भ्रष्टाचार या फिर अनुशासनहीनता में लिप्त रहने वाले हमेशा सीएम योगी के रडार पर रहते हैं। इसी कड़ी में सीएम योगी ने बांदा कृषि एवं प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय में हुई फर्जी नियुक्ति मामले में बड़ी कार्रवाई की है। योगी सरकार अब तत्कालीन पदों पर आसीन अधिकारी और नियुक्ति पाने वाले लोगों से वसूली करेगी। जांच में सामने आया है कि तत्कालीन कुलपति डॉ एस एल गोस्वामी और निदेशक एन के बाजपेई की मिलीभगत से नियुक्ति हुई थी। जिनमें स्टेनोग्राफर के 5 पद वाहन चालक के 9 पद सहित कुल 40 पदों पर नियुक्ति हुई थी।

क्या है पूरा मामला? 
बता दें कि 2017 में बांदा कृषि एवं प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय में फर्जी तरीके से नियुक्ति 40 पदों पर हुई थी। 02/ 2017 एंव 3/ 2017 के द्वारा बांदा कृषि एवं प्रौद्दोगिक विश्वविद्यालय द्वारा केवीके एंव विश्वविद्यालय के पदों की भर्ती करने हेतु विज्ञापन किया गया था। जिसमें स्टेनोग्राफर के 05 पदों तथा वाहन चालकों के 9 पदों सहित कुल 40 पदों पर नियुक्ति की गई। उक्त भर्ती पर कई शिकायत(कौशव किशोर एंव अन्य) के द्वारा की गई थी। जिस पर राज्य सरकार द्वारा आयुक्त चित्रकुट धाम मंडल के द्वारा जांच कराई गई।

आशूलिपिक पर चयनित व्यक्तियों ने विज्ञापन के अनुसार निर्धारित अर्डता (आशूलेखन की न्यूनतम गति 80 शब्द प्रति मिनट) पूर्ण नहीं की थी। जबकि एक अभ्यर्थी की तो टेस्ट कापी ही नहीं चेक की गई थी। उसका सेलेक्शन कर दिया गया। वाहन चालकों की नियुक्ति बिना वैद्य लाइसेंस के कर दी गई। ज्यादातर नियुक्ति कर्मी तत्कालीन निदेशन प्रशासन एवं अनुश्रवण डॉ एन के बाजपेई के सगे सम्बधित में से थे। एसोसिएट प्रोफेसन पद पर चयनित डॉ भानु प्रकाश मिश्रा की नियुक्ति पर भी सरकार द्वारा कार्यवाही के निर्देश प्रदान किए गए हैं। 

 


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Content Writer

Tamanna Bhardwaj

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