फर्जी कोर्ट, फेक जज और CBI अफसर! डिजिटल अरेस्ट कर वीडियो कॉल पर पेशी… शाहजहांपुर के युवक से 1 करोड़ ठगे

punjabkesari.in Saturday, Jun 07, 2025 - 05:32 PM (IST)

Shahjahanpur News, (नंदलाल): शाहजहांपुर के थाना रामचंद्र मिशन क्षेत्र के रहने वाले व्यक्ति को साइबर अपराधियों ने डिजिटल अरेस्ट कर 1 करोड़ दो लाख रूपये अपने अकाउंट में ट्रांसफर कराकर ठग लिए। पुलिस अधीक्षक के आदेश पर थाना साइबर क्राइम पर मुकदमा पंजीकृत किया गया है। पुलिस के वरिष्ठ अधिकारी ने मामले की जानकारी दी।

मामले की जांच के लिए SIT का गठन
पुलिस अधीक्षक राजेश द्विवेदी ने शनिवार को बताया कि थाना रामचंद्र मिशन क्षेत्र के शरदचंद्र के मोबाइल पर साइबर ठगों ने सेन्ट्रल ब्यूरो ऑफ इन्वेस्टीगेशन ऑफ इण्डिया नाम से फोन कर बताया कि उसका नाम किसी अपराध में आ रहा है। डरकर साइबर ठगों के झांसे में फंसकर शरदचंद्र ने कई बार अलग-अलग अकाउंट में 01 करोड़ दो लाख रूपये उनके बताए अकाउंट नंबरों पर ट्रांसफर कर दिए। उन्होंने बताया कि पीड़ित की तहरीर पर थाना साइबर क्राइम पर भारतीय न्याय संहिता की धारा बी 318(4), 319(2), बी 204 ,66C,66D सूचना प्रोद्यौगिकी (संशोधन) अधिनियम के तहत मुकदमा पंजीकृत किया गया है। इस मामले में एसआईटी टीम का गठन किया गया है। शीघ्र मामले का खुलासा किया जाएगा। द्विवेदी ने बताया कि आम जन मानस को समय-समय पर वर्कशॉप और अन्य कई माध्यमों के जरिए साइबर ठगों से बचने के लिए जानकारी देकर जागरूक किया जाता है। लेकिन साइबर ठगी करने वाले लोग सीबीआई और जज बनकर कॉल करते है और लोग इनके झांसे में आ जाते हैं। अगर ऐसी कॉल किसी के पास आए तो तत्काल पुलिस को सूचना दें। इसमें कड़ी कार्यवाही की जाएगी।

जानिए, पूरा मामला
बता दें कि महात्मा रामचंद्र मिशन आश्रम से जुड़े शरद चंद्र सक्सेना प्रगतिशील किसान हैं। वित्त मंत्री सुरेश खन्ना के मकान के पीछे ही उनका आवास है। 6 मई को उनके पास व्हाट्सएप वीडियो कॉल आई। सामने से खुद को सेंट्रल ब्यूरो ऑफ इन्वेस्टिगेशन ऑफ इंडिया से मिनिस्ट्री ऑफ फाइनेंस डिपार्टमेंट का डायरेक्टरेड बताया। विजय खन्ना नाम के व्यक्ति ने खुद को सीबीआई का आईपीएस अधिकारी बताकर बातचीत शुरू की। उसने कहा कि सेंट्रल बैंक ऑफ मुंबई से आपके यहां से दो करोड़ 30 लाख का ट्रांजेक्शन हुआ है। शरद ने मुंबई की बैंक में खाता होने से इनकार कर दिया। बताया कि वह पिछले 20 साल से मुंबई गया ही नहीं। अगले दिन सात मई को दिल्ली बुलाया। कहा कि सीबीआई चीफ राहुल गुप्ता से बात करना। उसी दिन लैपटॉप पर ऑनलाइन आकर कहा कि जस्टिस खन्ना के यहां पेश होना होगा।

युवक को ऐसै हुआ फ्रॉड का एहसास
जस्टिस खन्ना भी ऑनलाइन आए और कहा कि आपकी एफडी 94 लाख की है। उसे लिक्विडेट कर उनके दिए खाते पर आरटीजीएस कर दें। शरद ने 14 मई को 71 लाख रुपये हैदराबाद की एक बैंक को भेज दिए। जस्टिस खन्ना बने व्यक्ति ने कहा कि सुप्रीम कोर्ट से जमानत करानी होगी। इसके साथ ही बेल ऑर्डर भेजा। उनके कहने पर 9,50,000 रुपये 15 मई को बैंक ऑफ महाराष्ट्र के खाते पर भेजे। इससे पहले भी जमानत के नाम पर 23,45,130 रुपये, 32,000 रुपये खातों पर मांगे गए। 15 मई तक एक करोड़ दो लाख रुपये की धनराशि भेजी गई। 19 मई को एक प्रपत्र सुप्रीम कोर्ट ऑफ इंडिया का उनके पास आया। इसमें सारे चार्ज से बरी करते हुए सारा रुपया खाते में भेजने का आदेश हुआ। उसके बाद शरद का उन लोगों से संपर्क नहीं हो पाया। तब उन्हें ठगी का अहसास हुआ। शरद ने साइबर थाने में दर्ज कराई रिपोर्ट में बताया कि उनके रुपये में पांच लाख 80 हजार रुपये मेमोरियल ट्रस्ट ऑफ बाबूजी, शाहजहांपुर का भी है।


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Content Editor

Mamta Yadav

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