शिक्षामित्रों को 17 हजार मानदेय का फर्जी आदेश वायरल, मचा हड़कंप

punjabkesari.in Wednesday, Aug 09, 2017 - 04:10 PM (IST)

इलाहाबादः उत्तर प्रदेश में बीती रात उस वक्त खलबली मच गई जब शिक्षामित्रों को लेकर एक फर्जी आदेश सोशल मीडिया पर वायरल हो गया। हालांकि सूबे में कानून व्यवस्था को बिगाड़ने कि बड़ी कोशिश समय रहते संभाल ली गई है।

जानकारी के मुताबिक बेसिक शिक्षा परिषद के सचिव संजय सिन्हा के फर्जी दस्तखत से तैयार एक आदेश सोशल मीडिया पर वायरल हुआ है। जिसमें शिक्षामित्रों का मानदेय 17,000 रुपया करने और अपने मूल विद्यालय में एक सप्ताह में ज्वाइन करने का आदेश दिया गया है। आदेश की कॉपी जैसे-जैसे यूपी के शिक्षामित्रों तक पहुंची, शिक्षामित्र फिर से लामबंद होने लगे।
               
दिलचस्प बात ये है कि वायरल आदेश की कॉपी हू-ब-हू सरकारी आदेश कि तरह है। जिसके चलते इसका प्रभाव काफी अधिक रहा। मामले में बेसिक शिक्षा परिषद के सचिव संजय सिन्हा ने तत्काल इलाहाबाद के सिविल लाइन थाने में शरारती तत्वों के खिलाफ तहरीर भिजवाई और एक आदेश जारी कर इस फर्जीवाड़े का खंडन किया। इस वायरल मैसेज को किसने जारी किया अब पुलिस ऐसे पता लगाने में जुटी हुई है।

गौरतलब है कि सुप्रीम कोर्ट द्वारा 25 जुलाई को उत्तर प्रदेश के 1.37 लाख शिक्षामित्रों का सहायक अध्यापक पद पर समायोजन टीईटी पास होने कि दशा में ही करने को कहा है। दूसरे शब्दों में कहें तो इनका समायोजन रद्द कर दिया है। कोर्ट के इस आदेश के साथ ही नाराज शिक्षामित्रों ने पूरे प्रदेश में उग्र प्रदर्शन शुरू कर दिया था।

बड़ी मुश्किल से सरकार ने इनका प्रदर्शन बंद कराया था, लेकिन किसी शरारती तत्व ने मंगलवार को इन शिक्षामित्रों के जख्मों पर नमक छिड़ककर फिर से बवाल करने के लिए चिंगारी को हवा दे दी। हालांकि समय रहते विभाग हरकत में आया और फर्जी आदेश का खंडन करते हुए पुलिस कार्रवाई के लिए लिखा-पढ़ी की है।