घर के अंदर ही बना डाला फर्जी पेट्रोल पंप! तेल लेने पर रसीद भी मिलती थी… नोजल से भरता था गाड़ियों में तेल, नजारा देख अधिकारियों का भी चकरा गया सिर
punjabkesari.in Thursday, Dec 25, 2025 - 01:52 PM (IST)
मुरादाबाद : उत्तर प्रदेश के मुरादाबाद जिले से एक चौंकाने वाला मामला सामने आया है। जिले में आपूर्ति विभाग ने बिना लाइसेंस घर से चल रहे अवैध डीजल पंप का भंडाफोड़ किया है। यहां से 950 लीटर डीजल बरामद हुआ है। इस फर्जीवाड़े ने सुरक्षा व्यवस्था और विभागीय सतर्कता पर गंभीर सवाल खड़े कर दिए हैं।
तेल लेने पर मिलती थी रसीद…
पूरा मामला मूंढापांडे थाना क्षेत्र के भैयानगला गांव का है। गांव का एक व्यक्ति अपने घर के अंदर ही बिना किसी लाइसेंस या एनओसी (NOC) के बाकायदा डिस्पेंसिंग मशीन (नोजल) लगाकर अवैध डीजल पंप चला रहा था। यह पंप घनी आबादी के बीच संचालित किया जा रहा था। यहां से ग्राहकों को बकायदा कंप्यूटर जनित रसीदें भी दी जा रही थीं।
950 लीटर डीजल बरामद
जिला आपूर्ति अधिकारी को मिली गोपनीय सूचना के आधार पर आपूर्ति विभाग की टीम ने छापेमारी की। इस दौरान विभाग की टीम भी वहां का नजारा देखकर दंग रह गई। मौके पर पेट्रोल पंपों की तर्ज पर टैंक और मशीनें स्थापित थीं। विभाग ने तत्काल कार्रवाई करते हुए मशीनों को सीज कर दिया और घर के भीतर से करीब 950 लीटर डीजल बरामद किया है। इस मामले में मुख्य आरोपी तनवीर के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज कर ली गई है और उसे हिरासत में लेकर पूछताछ की जा रही है।
सुरक्षा व्यवस्था और विभागीय सतर्कता पर गंभीर सवाल
आपूर्ति विभाग की इस कार्रवाई ने सुरक्षा व्यवस्था और विभागीय सतर्कता पर गंभीर सवाल खड़े कर दिए हैं। यह घटना सुरक्षा के लिहाज से बेहद खतरनाक थी, क्योंकि बिना लाइसेंस के रिहायशी इलाके में भारी मात्रा में ज्वलनशील पदार्थ का भंडारण किसी बड़े हादसे को दावत दे सकता था।
हाईटेक सेटअप का पर्दाफाश
आपूर्ति विभाग की जांच में चौंकाने वाला खुलासा हुआ है। आरोपी तनवीर ने अपने घर को पूरी तरह से एक व्यावसायिक पेट्रोल पंप जैसा बदल दिया था। क्षेत्रीय खाद्य अधिकारी आनंद प्रभु सिंह ने बताया कि मौके पर दो 950-950 लीटर क्षमता वाले टैंक स्थापित पाए गए। अवैध कारोबार को प्रामाणिक दिखाने के लिए आरोपी ने मॉडर्न डिस्पेंसिंग यूनिट भी लगाई थी, जिससे पाइप और नोजल के जरिए केन और वाहनों में तेल भरा जाता था। छापेमारी से पहले विभाग ने एक डमी ग्राहक भेजकर तेल खरीदने की पुष्टि की, जिसके बाद टीम ने दबिश दी। मौके पर आरोपी किसी भी वैध दस्तावेज, लाइसेंस या जिलाधिकारी द्वारा जारी अनापत्ति प्रमाण पत्र (NOC) को पेश नहीं कर सका। प्रशासन ने विक्री की पर्चियां भी जब्त की हैं, जो इस अवैध कारोबार के बड़े पैमाने पर चलने का सबूत हैं।
पुलिस जांच और सुरक्षा पर सवाल
एसपी सिटी कुमार रणविजय सिंह ने मामले की पुष्टि की और बताया कि थाना मूंढापांडे में आपूर्ति विभाग की तहरीर पर सुसंगत धाराओं में मुकदमा दर्ज किया जा रहा है। आपूर्ति विभाग और पुलिस इस बात की जांच कर रहे हैं कि आरोपी इतने बड़े पैमाने पर डीजल कहां से लाता था और यह अवैध सेटअप कितने समय से सक्रिय था। सुरक्षा पर भी चिंता जताई गई है, क्योंकि घनी आबादी के बीच यह अवैध भंडारण एक ‘टाइम बम’ की तरह था। अधिकारियों को संदेह है कि अधिक मुनाफे के चक्कर में डीजल में मिलावट भी की जा रही थी। इस वजह से सैंपल लेकर विधि विज्ञान प्रयोगशाला भेजे गए हैं।

