महिला सुरक्षा तो दूर, यहां मंत्री ही असुरक्षित! स्वाति सिंह का AUDIO वायरल, बोलीं- पति उनसे मारपीट करते हैं और...

punjabkesari.in Monday, Jan 24, 2022 - 12:04 PM (IST)

लखनऊ: योगी सरकार में महिलाओं की सुरक्षा के तमाम दावे किए जाते है, लेकिन मौजूदा सरकार में मंत्री ही असुरक्षित है, इसका जीता जागता उदाहरण यूपी सरकार में महिला बाल-विकास मंत्री स्वाती सिंह हैं। उनका एक ऑडियो तेजी से वायरल हो रहा है, जिसमें स्वाती सिंह पति दयाशंकर पर मारपीट का आरोप लगा रही हैं। जिसके बाद से ये मामला बेहद सुर्खियों में है, हालांकि पंजाब केसरी इस मामले की पुष्टि नहीं करता है।

स्वाति सिंह एक पीड़ित से बात कर रही हैं और साथ ही अपनी पीड़ा भी बता रही हैं। इस बातचीत में स्वाति अपने पति दयाशंकर सिंह पर मारपीट और प्रताड़ित करने का आरोप लगा रही हैं। इस ऑडियो में दो बातें बहुत साफ है कि एक तो उनके पति किसी अवस्थी के मकान पर जबरन कब्जा करते हैं, पुलिस भी उनकी मदद करती है। पीड़ित की सुनवाई नहीं होती और दूसरा सच यह है कि खुद मंत्री भी अपने पति के हाथों मजबूर हैं, वो उनके साथ मारपीट भी करते हैं।

इस ऑडियो में स्वाति कहती है कि उनके पति दयाशंकर सिंह उनके साथ मारपीट करते है। इतना ही नहीं वे उनसे किस कदर डरती हैं, इसका अंदाजा भी इस ऑडियो को सुन कर लगाया जाता है। स्वाति सिंह कहती है कि कि हमारी और आपकी बातचीत का पता दयाशंकर सिंह को नहीं चलना चाहिए। उन्हें पता चलेगा तो क्या होगा आप समझ सकते है। हालांकि मंत्री स्वाति सिंह पीड़ित को इंसाफ दिलाने की बात भी कह रही हैं। महिला बाल-विकास मंत्री स्वाति सिंह के ऑडियो से तो यही बात साबित हो रही है। वह पति प्रताड़ना की शिकार हैं।

बता दें कि स्वाति सिंह के मंत्री बनने से पहले ही दोनों के रिश्ते खराब थे। दयाशंकर के एक करीबी बताते हैं कि साल 2008 में स्वाति ने पति दयाशंकर के खिलाफ मारपीट की एफआईआर भी दर्ज कराई थी। हालांकि दोनों ने कभी इस झगड़े को सार्वजनिक मंच पर सामने नहीं आने दिया।

कौन हैं स्वाति सिंह?
स्वाति सिंह उत्तर प्रदेश सरकार में राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार) हैं। वह उत्तर प्रदेश सरकार में महिला कल्याण, परिवार कल्याण, मातृत्व और बाल कल्याण मंत्रालय के लिए भी काम करती हैं। स्वाति सिंह के पति दयाशंकर सिंह भाजपा के राज्य उपाध्यक्ष हैं। उन्होंने पहले भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) से निष्कासित कर दिया गया था।  हालांकि 2017 में उनका निष्कासन रद्द कर दिया गया था।

Content Writer

Tamanna Bhardwaj