किसान महापंचायतः केजरीवाल ने कृषि कानून को बताया डेथ वारंट, कहा- आप अच्छी नीयत की सरकार लाओ तभी बनेगी बात

punjabkesari.in Sunday, Feb 28, 2021 - 05:15 PM (IST)

मेरठः केंद्र सरकार के कृषि कानूनों के विरोध में दिल्ली बॉर्डर पर डटे किसानों को विपक्षी दलों का भारी समर्थन मिल रहा है। इसी क्रम में आम आदमी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष और दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल रविवार को किसान महापंचायत को संबोधित करने उत्तर प्रदेश के मेरठ पहुंचे। किसानों को संबोधित करते हुए केजरीवाल ने कहा कि कृषि कानून डेथ वारंट के समान है, आज अपने देश का किसान बहुत ज्यादा पीड़ा में है।

देश का एक बेटा देश की सीमा पर तो दूसरा बेटा दिल्ली के बॉर्डर पर बैठा है 
किसानों को संबोधित करते हुए उन्होंने कहा कि देश का एक बेटा देश की सीमा पर बैठा है तो दूसरा बेटा दिल्ली के बॉर्डर पर बैठा है। हमारा किसान देशद्रोही नहीं हो सकता। केजरीवाल ने आगे कहा कि किसान भाई परिवार समेत 95 दिनों से कड़कती ठंड में दिल्ली के बॉर्डर पर धरने पर बैठे हैं। 250 से ज्यादा किसान भाइयों की शहादत हो चुकी है, लेकिन सरकार के कान पर जूं नहीं रेंग रही है। उन्होंने कहा कि सभी पार्टी की सरकारों ने 70 सालों किसानों को धोखा दिया है।

सरकार के पास पैसे की नहीं नीयत की कमी है
बीजेपी पर तंज कसते हुए उन्होंने कहा कि 2014 के घोषणापत्र में कहा था कि हम स्वामीनाथन रिपोर्ट लागू करेंगे। किसानों ने इन्हें जमकर वोट दिया। 3 साल बाद भाजपा ने सुप्रीम कोर्ट के एफिडेविट में लिखा कि वो एमएसपी नहीं देंगे। इन्होंने किसानों की पीठ में छुरा मार दिया। केजरीवाल ने कहा कि सरकार के पास पैसे की कमी नहीं है नीयत की कमी है। अच्छी नीयत वाली सरकार होगी तो किसान ट्रैक्टर लेकर मिल में जाएंगे और उनके घर पहुंचते ही गन्ने का भुगतान हो जाएगा। इसके बाद उन्होंने कहा कि आप सभी से अपील है कि अच्छी नीयत की सरकार लाओ, तभी बात बनेगी।

योगी सरकार किसानों के पैसे नहीं दिला सकती तो लानत है
इसके बाद दिल्ली के सीएम उत्तर प्रदेश की योगी आदित्यनाथ सरकार पर भी जमकर बरसे और कहा यूपी सराकर की ऐसी क्या कमजोरी है कि ये मिल मालिकों को ठीक नहीं कर सकते। जब मैं दिल्ली में सत्ता में आया तो पांच साल बाद बिजली कंपनियों को ठीक कर दिया। पहले दिल्ली में 20-20 हजार बिल आते थे आज दिल्ली में मुफ्त और 24 घंटे बिजली मिलती है। उन्होंने कहा कि योगी सरकार अगर किसानों को उनकी फसल के पैसे नहीं दिला सकती तो लानत है।


सबसे ज्यादा पढ़े गए

Content Writer

Moulshree Tripathi

Recommended News

Related News

static