कानून वापसी पर झूमे किसान, BJP सांसद के बयान का किया विरोध

punjabkesari.in Saturday, Nov 20, 2021 - 06:22 PM (IST)

लखनऊ: देश में कृषि कानून बिल की वापसी को लेकर लम्बे समय से चल रहे संघर्ष को पीएम मोदी नें शुक्रवार को बिराम दे दिया, जिससे किसान यूनियन और विरोधी दलों में खुशी का माहौल है। कृषि कानून वापसी पर जिले में दूसरे दिन भी जश्न का माहौल रहा। किसान खुशी में झूमते दिखाई दिए और आतिशबाजी, ढोल लंगाड़ो के साथ मिठाई बांटी। वहीं, बीजेपी सांसद के बयान का भी विरोध किया।
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भारतीय किसान यूनियन राकेश टिकैत गुट के किसान नेता डीएन कॉलज पर एकत्र हुए। किसान नेता यहां से ढोल लगाड़ों के साथ कलेक्ट्रेट गेट पर पहुंचे। किसानों ने आतिशबाजी छुड़ाकर जश्न मनाया और मिठाइयां बांटी। कृषि कानून वापसी के जश्न में डूबे किसान नेताओं ने कलेक्ट्रेट और कचहरी परिसर में घूम घूमकर एक दूसरे को बधाइयां दी। इस मौके पर जय जवान जय किसान किसान एकता जिंदाबाद के नारेबाजी की गई। 
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जिलाध्यक्ष अरविंद शाक्य ने कहा किसान आंदोलन के दबाव में सरकार ने कानून वापस लिए हैं। किसानों का आंदोलन सफल रहा है। सरकार की हार हुई है और किसानों की जीत हुई है। वहीं, कानपुर मंडल उपाध्यक्ष प्रभाकांत ने कहा कि सरकार जल्द संसद में कानून रद्द करे तभी किसान आंदोलन बापस लेंगे। उन्होंने कहा कि चुनाव को देखते हुए और मंत्री को बचाने के लिए सरकार ने कृषि क़ानून वापस लिए हैं। बड़ी संख्या में यहां पर महिलाएं पहुंची नृत्य कर खुशियां मनाई।
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बीजेपी सांसद मुकेश राजपूत बिल वापसी के समर्थन में नही दिखें। उन्होंने साफ कहा कि कृषि कानून वापस होनें से किसानों के पैरों में फिर बेड़ियां पड़ गयीं है। भाजपा के सांसद मुकेश राजपूत ने कहा कि किसान बिल वापसी पर अपनी तीखी प्रतिक्रिया दी है। उन्होंने कहा कि वह कृषि कानून की वापसी के समर्थन में नहीं है। उन्होंने कहा की कांग्रेस और उसके सहयोगी दल लम्बे समय से इसका विरोध कर रहे थे, जिससे देश को काफी नुकसान हो रहा था लिहाजा पीएम मोदी ने इसे वापस लिया है। उन्होंने कहा कि वह इस कानून वापसी के पक्ष में नही है। विरोध करने वाले कुछ ठोंगी किसान नेता बनकर अपने निजी स्वार्थ के लिए किसानों का अहित करने से बाज नहीं आ रहें। 

 


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Content Writer

Umakant yadav

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