कृषि मंत्री सूर्य प्रताप शाही बोले-  तिलहन उत्पादन में देश को आत्मनिर्भर बनाए किसान

punjabkesari.in Friday, Nov 11, 2022 - 04:39 PM (IST)

प्रयागराज: उत्तर प्रदेश के कृषि मंत्री सूर्य प्रताप शाही ने किसानों से उत्तर प्रदेश और देश को दलहन और तिलहन उत्पादन के मामले में आत्मनिर्भर बनाने का आह्वान करते हुए बृहस्पतिवार को कहा कि देश आज भी 55 प्रतिशत खाद्य तेल आयात करता है। यहां एएमए के प्रेक्षागृह में संयुक्त मंडलीय रबी उत्पादकता समीक्षा गोष्ठी में किसानों को संबोधित करते हुए कृषि मंत्री ने कहा, भारत में कभी दूध-दही की नदियां बहती थीं और आज देश तेल और दाल विदेशों से आयात कर रहा है। उन्होंने कहा कि किसान दलहन और तिलहन की खेती पर ध्यान दें। हमीरपुर मसूर की खेती में नंबर एक पायदान पर है। वहीं सोनभद्र में गेहूं की उत्पादकता सबसे कम 27.9 क्विंटल प्रति हेक्टेयर है। अधिकारी जलवायु के अनुकूल फसलों की खेती को बढ़ावा दें।

दलहन और तिलहन की फसलों का न्यूनतम समर्थन बढ़ाया गया
मंत्री ने कहा कि दलहन और तिलहन की फसलों का न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) पिछले पांच साल के भीतर काफी बढ़ा है। गेहूं की तुलना में चने का समर्थन मूल्य 5,500 रुपये, सरसों का समर्थन मूल्य 6,000 रुपये है। कम लागत में खेती से अधिक आय के लिए किसानों को दलहन और तिलहन की खेती बढ़ानी होगी। शाही ने कहा कि सब्जी की खेती में भारी संभावना है। जो फायदा सब्जी की खेती में है, वह खाद्यान्न की खेती में नहीं है। सब्जी की खेती में किसान तीन महीने में पैसा कमा लेता है। यही वजह है कि चंदौली और कौशांबी में 12-12 करोड़ रुपये के निवेश से दो विशिष्ट केंद्र खोले जा रहे हैं।

हाईटेक नर्सरी स्थापित किए जाने की जरूरत
कृषि उत्पादन आयुक्त मनोज कुमार सिंह ने गोष्ठी को संबोधित करते हुए कहा कि मुख्यमंत्री और कृषि मंत्री ने कृषि अवसंरचना कोष से उत्तर प्रदेश में 10,000 करोड़ रुपये के काम कराने का निर्णय किया है। लेकिन प्रदेश में इस कोष से बहुत कम काम हुआ है। उन्होंने कहा कि फसलों का प्रसंस्करण निचले स्तर पर जितना बढ़ाया जाएगा, उतनी ही किसानों की आय बढ़ेगी। इसके लिए पीएमएफएमई योजना बहुत कारगर साबित हो सकती है। इसमें किसान किसी तरह के प्रसंस्करण का काम कर सकते हैं।  कुमार ने कहा कि प्रयागराज की तरह प्रदेश के अन्य जिलों में हाईटेक नर्सरी स्थापित किए जाने की जरूरत है जिससे किसानों को एक नर्सरी से 30-35 लाख सब्जी के पौधे मिल सकेंगे। सब्जी का बीज 80 हजार से एक लाख रुपये प्रति किलो के भाव पर मिलता है। लेकिन पौधे मिलने पर किसानों को काफी फायदा हो सकता है। 


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Content Writer

Ramkesh

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