फाजिलनगर सीट: तीन दशक से जमीनी स्तर पर कार्य कर रहे इलियास बढ़ाएंगे स्वामी प्रसाद की मुश्किलें
punjabkesari.in Friday, Feb 11, 2022 - 04:21 PM (IST)
कुशीनगर: भारतीय जनता पार्टी (BJP) छोड़कर समाजवादी पार्टी (SP) में शामिल हुए स्वामी प्रसाद मौर्य को फाजिलनगर विधानसभा सीट पर भाजपा उम्मीदवार के साथ-साथ सपा के पूर्व जिलाध्यक्ष एवं बहुजन समाज पार्टी (BSP) प्रत्याशी मोहम्मद इलियास अंसारी का भी सामना करना पड़ेगा। पिछड़ों की राजनीति का दंभ भरने और खुद को ‘नेवला' कहने वाले मौर्य ने अपनी परंपरागत सीट पडरौना से हट कर फाजिलनगर से टिकट लेना पसंद किया था।
इसके पीछे चर्चा थी कि कांग्रेस छोड़ कर भाजपा में शामिल हुए कुंवर आरपीएन सिंह का वह क्षेत्र में सामना करने से कतरा रहे थे। फाजिलनगर से उनका मुकाबला भाजपा उम्मीदवार सुरेन्द्र कुशवाहा से है लेकिन टिकट कटने से नाराज होकर बसपा में शामिल होने वाले इलियास अंसारी अब हाथी चुनाव चिन्ह के साथ चुनावी रण में है। राजनीतिक जानकारों का दावा है कि तीन दशक से फाजिलनगर में जमीनी स्तर पर कार्य कर रहे इलियास यकीनन मौर्य कर नींद हराम कर देंगे।
दरअसल, सपा के पूर्व जिलाध्यक्ष इलियास अंसारी फाजिलनगर विधानसभा सीट के प्रबल दावेदार माने जा रहे थे, यही वजह है कि इलियास बीते पांच वर्षों से अनवरत क्षेत्र में जमीनी स्तर पर कार्य कर रहे थे लेकिन सपा हाईकमान ने उनका टिकट काटकर मौर्य को उम्मीदवार बना दिया। टिकट कटने से खफा इलियास निर्दलीय चुनाव लड़कर मौर्य को चुनौती देने की तैयारी कर रहे थे कि इसी बीच बसपा ने मौर्य के खिलाफ अपना प्रत्याशी बदलकर इलियास अंसारी को हाथी पर बैठा लिया। बसपा ने पहले यहां से संतोष तिवारी को प्रत्याशी घोषित किया था। उनका टिकट काटकर इलियास अंसारी को टिकट दिया गया है। लोगों के सुख.दुख मे हमेशा खड़े रहने वाले मिलनसार स्वभाव के इलियास की गिनती जिले मे अल्पसंख्यक समुदाय के के कद्दावर नेताओं में की जाती है।
इलियास अंसारी का एक वीडियो पिछले दिनों वायरल हुआ था जिसमें वह टिकट कटने पर पार्टी नेतृत्व के खिलाफ नाराजगी जताते हुए समर्थकों के बीच रो रहे थे। वह अपने समर्थकों से कह रहे हैं कि अगर फाजिलनगर की जनता उनका तन,मन,धन से साथ देती है तो वह चुनाव लड़ेंगे। इसी दरम्यान बुधवार की शाम बसपा ने फाजिलनगर विधानसभा से टिकट थमा दिया। अब वह पूरे दमदारी के साथ मौर्य से दो-दो हाथ करने को आतुर है। गौरतलब है कि वर्ष 1980 में हाईस्कूल की परीक्षा पास होने के बाद दुदही विकासखंड के ठाढ़ीभार गांव के निवासी इलियास अंसारी ने राम मनोहर लोहिया, जनेश्वर मिश्र तथा मुलायम सिंह यादव के समाजवाद की राह पर चलना शुरू किया।
उनकी कर्तव्यनिष्ठा को देखते हुए सपा ने उन्हें अल्पसंख्यक मोर्चा का जिलाध्यक्ष बनाया गया। उसके बाद दो कार्यकाल तक समाजवादी लोहिया वाहिनी के जिलाध्यक्ष रहे। समाजवादी शिक्षक प्रकोष्ठ के दो बार जिलाध्यक्ष रहने के साथ ही समाजवादी युवजन महासभा के जिलाध्यक्ष रहे। इसके साथ ही समाजवादी पार्टी में जिला महासचिव के पद पर 10 साल तक सेवायें दी। समाजवादी पार्टी ने उन्हें चार वर्षों तक सपा जिलाध्यक्ष के पद पर भी रखा। सांसद मोहन सिंह के प्रतिनिधि के रूप में उन्होंने 22 वर्ष तक देवरिया संसदीय क्षेत्र के लोगों को अपना समय दिया। मोहम्मद इलियास अंसारी 1991 से लाल बहादुर शास्त्री इंटर कॉलेज के अध्यापक भी हैं।