Varanasi News: 11 किलो का गदा लेकर काशी पहुंची महिला नागा साध्वी, जानें इसके पीछे की खास वजह

punjabkesari.in Monday, Feb 10, 2025 - 09:32 AM (IST)

Varanasi News: महाकुंभ के तीन शाही स्नान पूरे हो चुके हैं और अब चौथे स्नान की तैयारियां जोर-शोर से चल रही हैं। इस बीच, नागा साधुओं का एक समूह प्रयागराज से काशी पहुंचने लगा है। शैव संप्रदाय से जुड़े इन नागा साधुओं की भीड़ अब काशी के घाटों पर दिखाई दे रही है। इन साधुओं में एक महिला नागा साध्वी सरला पूरी खास आकर्षण का केंद्र बनी हैं।

मिली जानकारी के मुताबिक, महिला नागा साध्वी सरला पूरी ने अपने हाथ में गदा थाम रखा है, जैसा कि रामभक्त हनुमान की तरह होता है। यह गदा काफी भारी है और उसका वजन लगभग 11 किलो है। सरला पूरी ने एक निजी चैनल से बातचीत में बताया कि वह सनातन धर्म की रक्षा के लिए इस गदा को अपने हाथ में रखती हैं। उनका कहना है कि यह गदा उन लोगों के लिए है जो सनातन धर्म को बदनाम करते हैं या उसे नुकसान पहुंचाने की कोशिश करते हैं।

अब काशी में हैं महिला नागा साध्वी
वाराणसी के हरिश्चंद्र घाट पर सरला पूरी ने अपना टेंट लगाया है। उन्होंने बताया कि वह महाराज बसंत पूरी की शिष्या हैं और मूल रूप से महाराष्ट्र से हैं। पिछले एक महीने तक प्रयागराज में रहने के बाद अब वह काशी आई हैं। काशी के घाटों पर उनके अनोखे अंदाज को देखने के लिए लोगों की भीड़ जमा हो रही है।

क्यों आते हैं नागा साधु काशी?
संत समिति के राष्ट्रीय महामंत्री स्वामी जितेन्द्रानन्द सरस्वती ने बताया कि शैव संप्रदाय के प्रमुख देवता महादेव (बाबा विश्वनाथ) हैं, और काशी उनका प्रिय स्थान है। यहां महादेव की पूजा बिना महाकुंभ के शाही स्नान का आयोजन अधूरा माना जाता है। इसलिए नागा साधु हर साल काशी में महाशिवरात्रि के दिन अमृत स्नान करते हैं और इसके बाद वह हिमालय और उत्तराखंड की ओर रुख कर जाते हैं।


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Content Editor

Anil Kapoor

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