तत्कालीन इंस्पेक्टर और दारोगा समेत तीन पर एफआईआर दर्ज, जानिए क्या है पूरा मामला

punjabkesari.in Sunday, Nov 09, 2025 - 04:24 PM (IST)

बदायूं: यूपी के बदायूं में हुए चर्चित उझानी कोतवाली गोलीकांड में अब एक नया मोड आ गया है। इस मामले में पुलिस ने तत्कालीन इंस्पेक्टर ओमकार सिंह, दारोगा रामौतार सिंह और एक अन्य व्यक्ति के खिलाफ एफआईआर दर्ज कर ली है। दोनों अधिकारी फिलहाल रामपुर और पीलीभीत जिले में तैनात हैं।

क्या है पूरा मामला
यह घटना 4 सितंबर 2020 की सुबह करीब 10 बजे उझानी कोतवाली परिसर में हुई थी। आरोप है कि दारोगा रामौतार सिंह ने एक सिपाही की पत्नी से अश्लील टिप्पणियां और इशारे किए थे। जब सिपाही ने इसका विरोध किया, तो दारोगा ने उसे देख लेने की धमकी दी थी। अगले दिन सिपाही जब अपने तत्कालीन इंस्पेक्टर ओमकार सिंह से उच्च अधिकारियों से मिलने की अनुमति लेने गया, तो वहां दोनों के बीच कहासुनी हो गई। आरोप है कि इंस्पेक्टर के उकसाने पर दारोगा और एक अन्य व्यक्ति ने सिपाही की रायफल छीन ली। उसी रायफल से दारोगा ने पहले सिपाही ललित को गोली मारी और फिर खुद को भी गोली मार ली।

पीड़िता का आरोप
सिपाही की पत्नी का कहना है कि दारोगा ने खुद को घायल कर यह दिखाने की कोशिश की कि सिपाही ने ही हमला किया था। उसकी शिकायत के बावजूद पहले रिपोर्ट दर्ज नहीं की गई थी। लेकिन अब पुलिस ने मामला दर्ज कर जांच शुरू कर दी है।

क्या हुआ था घटना के बाद
गोलीकांड में घायल सिपाही और दारोगा दोनों का लंबे समय तक इलाज चला था। दारोगा को प्राइवेट पार्ट के पास गोली लगी थी, जबकि सिपाही के कंधे के पास चोट आई थी। घटना के बाद सिपाही पर ही केस दर्ज कर उसे बर्खास्त कर दिया गया था, हालांकि बाद में बहाल होकर वह फिलहाल पुलिस लाइन में तैनात है। करीब दो महीने पहले एडीजी रमित शर्मा, डीआईजी अजय कुमार साहनी और एसएसपी डॉ. ब्रजेश कुमार सिंह ने उझानी कोतवाली पहुंचकर घटना से जुड़ी फाइलें देखीं थीं और संबंधित पुलिसकर्मियों से पूछताछ की थी। माना जा रहा है कि यह कार्रवाई सिपाही की पत्नी की शिकायत के बाद की गई थी। फिलहाल, पुलिस का कहना है कि मामले की जांच वरिष्ठ अधिकारियों की देखरेख में की जा रही है। दोषी पाए जाने पर आरोपियों के खिलाफ कानूनी कार्रवाई आगे बढ़ाई जाएगी।


 


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Content Editor

Pooja Gill

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