Flood in UP: पानी बना आफत! बाढ़ के चलते छतों पर गुजारा कर रहे लोग

punjabkesari.in Wednesday, Aug 11, 2021 - 01:06 PM (IST)

फर्रुखाबाद: यूपी के फर्रुखाबाद में गंगा में अभी निचले इलाकों से गंगानदी का पानी पूरी तरह नहीं निकल भी नहीं पाया था कि गंगा का जलस्तर एक बार फिर बढ़ना शुरू हो गया है। 15 सेंटीमीटर की बढ़ोत्तरी के बाद गंगा नदी अब खतरे के निशान से सिर्फ 15 सेंटीमीटर ही नीचे हैं। बांधों से भारी मात्रा में पानी भी छोड़ा जा रहा है, जिससे जलस्तर में और बढ़ोत्तरी की संभावना जताई जा रही है। कई गांवों में जलभराव के चलते ग्रामीण छतों पर बसेरा कर रहे हैं।  जैसे तैसे ग्रामीण घर की गृहस्थी चला रहे हैं और खाना भी पकाया जा रहा है।

गंगा में बांधों से लगातार पानी छोड़े जाने से जलस्तर फिर से बढ़ने लगा है। बुधवार को गंगा का जलस्तर 15 सेमी बढ़कर 136.95 मीटर पर पहुंच गया है जो चेतावनी बिंदु 136.60 मीटर से 35 सेमी ऊपर है। 137.10 मीटर पर खतरे का निशान है। आज सुबह गंगा में नरौरा बांध से 93 हजार 911 क्यूसेक , बिजनौर से 70 हजार क्यूसेक, हरिध्दार से 78 हजार 140 क्यूसेक पानी छोड़ा गया है। बाढ़ लोगों के लिए मुसीबत बनकर टूटी है। जहां कटान तेज हो गई है वहीं लगातार पानी भरे रहने से लोग बीमारियों की चपेट में आ रहे हैं।

गंगा के किनारे बसे गांव हरसिंहपुर कायस्थ, ऊगरपुर, कुड़री सारंगपुर, तीसराम की मड़ैया, जोगराजपुर, लायकपुर आदि गांव के पास कटान शुरू हो गई है। हरसिंहपुर कायस्थ का प्राथमिक विद्यालय भी तेज धार में कटने लगा है। बाढ़ग्रस्त गांव ऊगरपुर, हरसिंहपुर कायस्थ, सुंदरपुर, नगला दुर्गू के ग्रामीण बीमार हो रहे हैं। तीसराम की मड़ैया, अंबरपुर, रामपुर जोगराजपुर, सबलपुर के लोग सबसे अधिक परेशान हेा रहे हैं।

चित्रकूट गांव में जिनघरों में पानी भरा है वहां के लोग अभी भी छतों पर रहने को मजबूर हैं। खाना भी छतों पर पका रहे हैं। रामगंगा में खो हरेली, रामनगर बांध से 45,131 क्यूसेक पानी छोड़ा गया है। जोकि अब तक सबसे बड़ी मात्रा में है। 

इससे रामगंगा का जलस्तर बढ़ने के साथ गांवों में कटान की भी आशंका है।जब इस मामले में जिला अधिकारी मानवेंद्र सिंह बात की गई तो उन्होंने बताया की बाढ़ पीड़ितों की हर संभव मदद की जा रही है स्वास्थ्य टीमों को गांव में कैंप लगाकर दवा देने का आदेश जारी किया गया है। अगर किसी गांव में टीम नहीं पहुंचती है तो जांच कर कार्रवाई की जाएगी। 

Content Writer

Tamanna Bhardwaj