200 लोगों की सुरक्षा को लेकर कभी खाना छोड़कर एयरपोर्ट पहुंचे थे वाजपेयी

punjabkesari.in Friday, Aug 17, 2018 - 08:34 AM (IST)

लखनऊ: लखनऊ के सांसद और प्रदेश भाजपा सरकार में मंत्री रहे लालजी टंडन की देश के पूर्व प्रधानमंत्री व लखनऊ के सांसद रहे अटल बिहारी वाजपेयी से आत्मीयता जगजाहिर है। वर्ष 1991 से लखनऊ के 5 बार सांसद रहे अटल बिहारी वाजपेयी के यहां सबसे खास लालजी टंडन ही थे। वाजपेयी के सहज और सरल स्वभाव की बानगी लालजी टंडन ने कुछ यूं बयां की।

बात वर्ष 1991 की है। वाजपेयी लखनऊ से पहली बार सांसद बन चुके थे। प्रदेश में राष्ट्रपति शासन लगा था। उसी समय रामजन्म भूमि आंदोलन को लेकर युवाओं में जबर्दस्त जोश था। अटल जी मीराबाई मार्ग स्थित वीआईपी गेस्ट हाऊस के कमरे में रात को मेरे साथ खाना खा रहे थे। अटल जी को रात 10 बजे लखनऊ मेल से नई दिल्ली जाना था। उसी समय राज्यपाल के सलाहकार गोस्वामी और लखनऊ के डीएम अशोक प्रियदर्शी बदहवास से उस कमरे में घुसते चले आए।

मैंने उन दोनों अधिकारियों के अटल जी के खाना खाते वक्त इस तरह बेधड़क घुस आने पर सवाल किया तो दोनों बोले, 200 लोगों की जान खतरे में है। मैंने पूछा, तो इससे अटल जी का क्या मतलब। वे बोले कि अमौसी एयरपोर्ट पर एक युवक ने हथगोले के सहारे पटना से नई दिल्ली जा रहे विमान को हाईजैक कर लिया है। उसकी शर्त यह है कि अटल जी हमसे मिलेंगे, तभी हम विमान को छोड़ेंगे। इसीलिए हम अटल जी को तकलीफ देने आए हैं कि वह एयरपोर्ट तक हमारे साथ चलें। अटल जी खाना छोड़कर तुरंत खड़े हो गए।

मैंने अफसरों से कहा कि आपको अटल जी की सुरक्षा की चिंता नहीं है। लेकिन अटल जी ने हमें चुप करा दिया और अफसरों के साथ चल दिए। गाड़ी डीएम अशोक प्रियदर्शी चला रहे थे। आगे राज्यपाल के सलाहकार और पीछे वाली सीट पर हम तथा अटल जी बैठे थे। अमौसी एयरपोर्ट पहुंचे तो वहां घुप अंधेरा और बिल्कुल सन्नाटा था। हाईजैक किया हुआ विमान एक किनारे खड़ा था। डीएम ने अटल जी से अनुरोध किया कि ऊपर टॉवर पर चढ़कर विमान के अपहर्ता युवक से बात कर लीजिए।

अटल जी और हम दोनों टॉवर पर चढ़ गए। उन्होंने कहा कि मैं आ गया हूं और अब यात्रियों को छोड़ दो। इनमें महिला और छोटे बच्चे भी शामिल हैं। इन्हें कष्ट देना उचित नहीं है। उधर से अपहर्ता की आवाज आई, आप अटल बिहारी वाजपेयी नहीं हैं। अब गाड़ी को विमान के पास ले जाने के अलावा कोई चारा नहीं था। सावधानीवश गाड़ी की लाइट भी बंद कर दी गई। धीमे से गाड़ी विमान के पास ले जाकर खड़ी कर दी गई। हमने अटल जी से कहा कि आप विमान में न जाइए। पहले मैं जाता हूं। मैंने अपहर्ता युवक से कहा की कि मैं लालजी टंडन हूं। तुमने मेरा नाम सुना है। उसने कहा हां तो क्या, मैं ऊपर आऊं । उसने हामी भरी। मैं अपनी जान की परवाह किए बिना विमान में चढ़ गया।

विमान में जाकर हमने युवक से कहा कि मैं अटल बिहारी वाजपेयी को अपने साथ लाया हूं। युवक ने कहा कि उन्हें यहां बुलाओ। मैंने कहा कि ठीक है अटल जी आ रहे हैं लेकिन जैसे ही वह आएं, उनके पैर छू लेना। अटल जी विमान में चढ़े और युवक जैसे ही उनके पैर छूने को बढ़ा तो पुलिस वालों ने धर दबोचा। युवक के हाथ में हथगोला-सा दिखने वाला सुतली का बम था। युवक के पकड़े जाने के बाद अटल जी बोले, मैं सभी विमान यात्रियों से मिलूंगा। अटल जी ने यह भी कहा कि भई इसे छोड़ दीजिएगा। कोई सजा न दी जाए।

अटल जी जैसे ही विमान में आगे बढ़े, कांग्रेस के तत्कालीन अध्यक्ष सीताराम केसरी टोपी पहने और मुंह झुकाए हुए सीट पर बैठे थे। मैंने कहा कि सीताराम जी। उन्होंने तुरंत अपने मुंह से टोपी हटाई और अटल जी को देखकर सन्न रह गए। बोले मैं जानता था कि अटल जी लखनऊ में हैं तो हम लोगों की जान बचाने जरूर आएंगे, लेकिन इस घटना से अटल जी की लखनऊ मेल छूट गई। अब अटल जी के सामने नई दिल्ली जाने की समस्या खड़ी हो गई। विमान भी पूरा भरा था, लेकिन यह अच्छा हुआ कि इस आपाधापी के बाद पायलटों ने विमान को सवेरे नई दिल्ली ले जाने का फैसला किया। सवेरे 2 यात्रियों ने अटल जी और उनके सहायक शिवकुमार के लिए अपनी सीट खाली कर दी। बाद में उन यात्रियों को दूसरी फ्लाइट से भेजा गया। इस तरह अटल जी नई दिल्ली के लिए रवाना हो गए। फिलहाल अटल जी अब इस दुनिया में नहीं हैं।

Anil Kapoor