पूर्व BJP विधायक ने शहर में बांटा रामचरितमानस, बोले- ग्रंथों का अपमान करने वाले को जवाब देंगे

punjabkesari.in Monday, Feb 13, 2023 - 03:07 PM (IST)

कानपुर (अम्बरीश त्रिपाठी) : समाजवादी पार्टी के नेता व विधान परिषद सदस्य स्वामी प्रसाद मौर्य Swami Prasad Maurya  के रामचरितमानस Ramcharitmanas को लेकर दिए गए विवादित बयान disputed statement और उसके विवादित अंश को रामचरितमानस से निकालने के बयान पर राजनीति रुकने का नाम नहीं ले रही है। सपा नेता के बयान के बाद जहां खुद समाजवादी पार्टी में दो धड़े हो गए है। वहीं सत्ता पर काबीज BJP भी स्वामी पर हमला करने का कोई मौका नहीं छोड़ना चाहती। खुद मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने स्वामी प्रसाद मौर्य को भाषा की जानकारी न होने की बात कह चुके है। अब ताजा मामला कानपुर जिले से आया है। जहां BJP के पूर्व विधायक नीरज चतुर्वेदी ने अपने साथियों के साथ मिलकर शहर में रामचरितमानस की प्रतियां बांटी और स्वामी प्रसाद मौर्य पर धर्म के बारे में सही जानकारी न होने का आरोप लगाया।

51 सौ प्रतियां बांटेगे पूर्व विधायक
कानपुर के पूर्व BJP विधायक नीरज चतुर्वेदी Neeraj Chaturvedi ने आज शहर के परमट चौराहे Parmat Crossroads पर धर्मगुरुओं और पार्षद के साथ श्रीरामचरितमानस पुस्तक वितरण Distribution के अभियान की शुरुआत की। इस दौरान लोगों को श्रीरामचरितमानस पुस्तक देने के साथ यह संकल्प दिलाया गया कि वह इस धर्म ग्रंथ का पाठ कर धर्म के मार्ग को अपनाएं और अधर्म को दूर भगाएंगे। इस दौरान पूर्व विधायक नीरज चतुर्वेदी ने बताया कि जो लोग रामचरितमानस पर अभद्र टिप्पणी कर हिंदुओं के धर्म और ग्रंथों का अपमान कर रहे हैं। वह न तो हिंदू धर्म को जानने वाले है और न मानने ही वाले है। वह इस अभियान के तहत स्वामी प्रसाद मौर्य के द्वारा रामचरितमानस के अपमान के बदले इसका अधिक प्रचार प्रसार कर जवाब देंगे। इसलिए अब हर चौराहे पर अभियान चलाकर 51 सौ लोगों को श्रीरामचरितमानस पुस्तक दी जाएगी। जिससे हर घर में इसका पाठ हो हो सके।

संतों में दिखा गुस्सा
रामचरितमानस के सार्वजनिक तौर पर वितरण के दौरान साधु संत भी मौजूद रहे और उन लोगों में सपा नेता को लेकर गुस्सा दिखा।साधु संतों ने एक स्वर में कहा कि ऐसे लोगों को धर्म का ज्ञान नहीं है और अपने ओछी राजनीति के लिए हिंदुओं के पवित्र धर्मग्रंथ का अपमान बंद करें अन्यथा इसका दुष्परिणाम भुगतना होगा। स्वामी प्रसाद मौर्य जैसे लोग किसी के सगे नहीं होते है। पहले सरकार में मंत्री रहे फिर लगा सरकार नहीं आएगी तो पार्टी बदल लिए लेकिन उनके साथ उल्टा हो गया। फिर न तो वह जीत ही पाए और न ही सरकार में रह पाए इसलिए ऐसे फालतू के बयान दे रहे हैं।
 

Content Editor

Prashant Tiwari