DGP को मानद उपाधि दिए जाने से पहले पूर्व प्रोफ़ेसर और छात्र नेताओं ने किया विरोध

punjabkesari.in Tuesday, Sep 03, 2019 - 02:54 PM (IST)

प्रयागराज: यूपी के डीजीपी ओपी सिंह को इलाहाबाद सेंट्रल यूनिवर्सिटी पांच सितंबर को मानद उपाधि देने जा रही है। यूनिवर्सिटी प्रशासन के फैसले को लेकर अब विवाद खड़ा हो गया है। यूनिवर्सिटी से जुड़े रहे कई टीचर्स और छात्रसंघ के पूर्व पदाधिकारियों ने यूनिवर्सिटी प्रशासन के फैसले पर सवाल खड़े किये हैं।

इस फैसले पर एतराज जताने वालों की दलील है कि 22 साल पहले हुए अंतिम दीक्षांत समारोह में नोबल पुरस्कार विजेता प्रो0 रिचर्ड आरनार्ड और भारत रत्न से सम्मानित पूर्व राष्ट्रपति डॉ0 एपीजे अब्दुल कलाम जैसी शख्सियतों को मानद उपाधि दी गई थी। यूनिवर्सिटी को अब केंद्रीय दर्जा मिल चुका है। ऐसे में केंद्रीय दर्जा मिलने के बाद हो रहे पहले दीक्षांत समारोह में एक राज्य के डीजीपी को मानद उपाधि दिया जाना कतई उचित नहीं है। यह सेंट्रल यूनिवर्सिटी की गरिमा के खिलाफ है।

विरोध करने वालों को यह भी कहना है कि डीजीपी ओपी सिंह का शिक्षा-साहित्य व कला के क्षेत्र में कोई योगदान नहीं है। इतना ही नहीं, वह कुशल प्रशासक भी नहीं हैं। उनके कार्यकाल में यूपी की कानून व्यवस्था लगातार सवालों के घेरे में है। सोनभद्र का नरसंहार, उन्नाव का गैंग रेप जैसी घटनाएं उनके वक्त में ही हुई हैं। आरोप यह भी है कि वाइस चांसलर प्रोफेसर एके हांगलू खुद कई तरह के विवादों और आरोपों में घिरे हैं। आने वाले दिनों में किसी तरह की कानूनी कार्रवाई होने की सूरत में पुलिस के मुखिया के नाम की आड़ में खुद को बचाने के मद्देनजर ही वो डीजीपी ओपी सिंह को मानद उपाधि देना चाहते हैं।

1996 में हुआ था इलाहाबाद यूनिवर्सिटी का आखिरी दीक्षांत समारोह
गौरतलब है कि इलाहाबाद यूनिवर्सिटी का आखिरी दीक्षांत समारोह साल 1996 में हुआ था। उस वक्त यह यूनिवर्सिटी यूपी सरकार के अधीन थी। साल 2005 में इसे केंद्रीय विश्वविद्यालय का दर्जा मिला, लेकिन सेंट्रल यूनिवर्सिटी बनने के बाद पहला दीक्षांत समारोह अब होने जा रहा है। 22 साल बाद हो रहे दीक्षांत समारोह के लिए पांच सितंबर को शिक्षक दिवस का दिन तय किया गया है। 

यूपी के डीजीपी और वेस्ट बंगाल के पूर्व गवर्नर केशरीनाथ त्रिपाठी को दी जाएगी मानद उपाधि 
इसी दीक्षांत समारोह में यूपी के डीजीपी ओपी सिंह और वेस्ट बंगाल के पूर्व गवर्नर केशरीनाथ त्रिपाठी को मानद उपाधि दी जानी है। डीजीपी ओपी सिंह का नाम तय होते ही कोहराम मच गया है। यूनिवर्सिटी से जुड़े कई जिम्मेदार लोगों ने इस बारे में चि_ी लिखी है, लेकिन वह डर की वजह से मीडिया के सामने नहीं आ रहे हैं।
 
यूनिवर्सिटी की गरिमा के आगे डीजीपी का कद छोटा  

यूनिवर्सिटी टीचर्स एसोसिएशन के पूर्व अध्यक्ष और संस्कृत विभाग के रिटायर्ड एचओडी प्रोफेसर राम किशोर शास्त्री तो खुलकर डीजीपी को मानद उपाधि दिए जाने का विरोध कर रहे हैं। पूर्व छात्रसंघ अध्यक्ष रोहित मिश्र समेत तमाम दूसरे लोगों का साफ कहना है कि पूरब का आक्सफोर्ड कहलाने वाली इलाहाबाद सेंट्रल यूनिवर्सिटी की गरिमा के आगे डीजीपी ओपी सिंह का कद छोटा है।

Ajay kumar