''डिजिटल अरेस्ट'' का नया साइबर फ्रॉड: ''पहलगाम केस में नाम है तुम्हारा'' – झूठी FIR से डराकर रिटायर्ड अफसर के खाते से  उड़ाए 50 लाख!

punjabkesari.in Tuesday, Sep 02, 2025 - 10:44 AM (IST)

Lucknow News: संजय गांधी पीजीआई से रिटायर हुए प्रधान निजी सचिव दिनेश प्रकाश प्रधान एक बड़े साइबर ठगी के जाल में फंस गए। ठगों ने उन्हें 5 दिन तक लगातार डरा-धमकाकर 'डिजिटल अरेस्ट' में रखा और इस दौरान लगातार दबाव बनाकर उनके बैंक खातों से कुल ₹50 लाख रुपए निकलवा लिए। पीड़ित ने अब पुलिस से शिकायत की है और पीजीआई थाना पुलिस ने एफआईआर दर्ज कर जांच शुरू कर दी है।

कैसे शुरू हुआ ठगी का खेल?
18 अगस्त को दिनेश प्रधान के पास एक फोन कॉल आई। कॉलर ने खुद को इंस्पेक्टर अनीता वर्मा बताया। उसने दावा किया कि कश्मीर (पहलगाम) में उनके नाम से एक केस दर्ज है और उनके आधार कार्ड का इस्तेमाल आतंकियों को पैसे भेजने में किया गया है। इसके बाद, व्हाट्सएप पर उन्हें एक फर्जी एफआईआर और अरेस्ट वारंट की फोटो भेजी गई। इसके बाद कॉलर ने धमकी दी कि आपकी गिरफ्तारी के लिए पुलिस घर आ रही है।

धमकियों का सिलसिला बढ़ता गया
19 अगस्त को एक और कॉल आई। इस बार कॉलर ने खुद को पुलिस अधिकारी दीपक शर्मा बताया। उसने बताया कि उनके बैंक अकाउंट से 70 करोड़ रुपए आतंकियों को भेजे गए हैं। उस रकम का 10% यानी 70 लाख रुपए दिनेश के खाते में कमीशन के तौर पर जमा हुए हैं। अगर ये पैसे वापस नहीं किए गए, तो एटीएस (ATS) उन्हें गिरफ्तार कर लेगी और उनके बच्चों को मार दिया जाएगा।

डर के साए में पैसे ट्रांसफर
डर के कारण दिनेश ने ठगों के कहने पर अलग-अलग खातों में पैसे ट्रांसफर कर दिए। 19 अगस्त: ₹20 लाख बैंक ऑफ इंडिया (SGPGI शाखा) → यूको बैंक (भद्रक, ओडिशा), खाता नाम: तारामणि इंटरप्राइजेज। 20 अगस्त: ₹14 लाख इंडसइंड बैंक (गुंटूर, आंध्र प्रदेश), खाता नाम: बुद्ध योगा हेल्थ फाउंडेशन। 22 अगस्त: ₹16 लाख, ICICI बैंक (पांडा), खाता नाम: संजय संतराम सन बोधकर।

लगातार धमकियां, फिर पुलिस में शिकायत
ठग 29 अगस्त तक लगातार कॉल कर धमकाते रहे। आखिरकार, दिनेश ने पीजीआई थाना पुलिस को पूरी जानकारी दी। अब पुलिस ने इस मामले में अज्ञात ठगों के खिलाफ केस दर्ज किया है। धोखाधड़ी और आपराधिक साजिश की धाराओं में मुकदमा दर्ज हुआ है। साइबर सेल के साथ मिलकर जांच शुरू कर दी है।

पुलिस की सतर्कता की अपील
पीजीआई थाना प्रभारी ने कहा कि  ठग लोगों को डराकर ठगी करते हैं। अगर किसी को ऐसा कॉल आए तो तुरंत पुलिस या साइबर सेल से संपर्क करें। कभी भी फोन पर बैंक या आधार कार्ड की जानकारी साझा ना करें। पुलिस या कोई सरकारी एजेंसी फोन पर पैसे की मांग नहीं करती।

क्या कर रही है पुलिस?
जिन खातों में पैसा गया है, उन्हें फ्रीज किया जा रहा है। कॉल डिटेल और व्हाट्सएप चैट की जांच हो रही है। जालसाजों की पहचान कर उन्हें जल्द पकड़ने का प्रयास जारी है।


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Content Editor

Anil Kapoor

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