फीस कम कराने के लिए छात्रों का उग्र प्रदर्शन, स्कूल में की जमकर तोड़फोड़

punjabkesari.in Tuesday, Oct 10, 2017 - 05:49 PM (IST)

मेरठः मेरठ के सनातन धर्म स्कूल के छात्र उस समय उग्र हो गए जब स्कूल के प्रधानाचार्य ने फीस वृद्धि के आदेश वापस लेने से मना कर दिया। उग्र छात्रों ने शिक्षा के मंदिर में जमकर तोडफोड़ और बवाल किया। प्रदेश शासन के मुफ्त शिक्षा एवं सस्ती शिक्षा के जो आदेश जारी किए हैं उनको स्कूल प्रबंधन का फीस वृद्धि करने का फरमान मानो अंगूठा दिखा रहा है।

इस स्कूल के टीचरों का भी मानना है कि हर बच्चा बड़ी फीस देने में समर्थ नही है, ऐसे में जब हम फीस माफी के लिए प्रिंसिपल से कहते है तो उन्हें फटकार लगती है और हमारे खिलाफ विभागीय कार्रवाई की धमकी दी जाती है। स्कूल में कुछ बच्चे मेहनत मजदूरी करके फीस जमा करवा रहे है ताकि उनका भविष्य उज्ज्वल हो सके।

सनातन धर्म इंटर कालेज में पढ़ने वाले छात्रों का कहना है कि उनकी सालाना फीस 400 से 600 रुपए के करीब है, जबकि स्कूल द्वारा लगभग 2400 रुपए वार्षिक फीस ली जा रही है। बड़ी फीस को कम करने के लिए वह प्रधानाचार्य से कई बार गुहार लगा चुके है। राहत न मिलने पर डीएम से भी गुहार लगाई। डीएम ने छात्रों के पत्र पर शिक्षण शुल्क माफ करने का आदेश लिख दिया। छात्रों का कहना है कि प्रधानाचार्य ने उस आदेश को भी मानने से मना कर दिया। प्रधानाचार्य के डांट फटकार से क्षुब्ध छात्रों ने विघालय परिसर में तोडफ़ोड़ कर दी।

प्रधानाचार्य का कहना है कि फीस तो कम है, लेकिन कॉलेज चलाने के लिए शिक्षक, बिजली, जैनरेटर के लिए फ्यूल और फर्नीचर जैसे बहुत से खर्च है। सरकार इलाज के लिए कोई पैसा नही देती है, स्कूल को चलाने के लिए पैसा चाहिए होता है। इसलिए प्रत्येक छात्र से कुछ अतिरिक्त शुल्क फीस में जोड़कर लिया जाता है। भले ही प्रधानाचार्य के तर्क में मजबूती हो, लेकिन ऐसे में गरीब छात्रों और प्रशासन के फीस माफ करने के आदेश की अवहेलना करना उचित नही है।

बता दें कि शासन का आदेश है कि 8वीं तक सभी सरकारी और अर्द्धसरकारी स्कूलों में छात्र-छात्राओं को शिक्षा निशुल्क दी जाएगी। कक्षा 9वीं से 12वीं तक के छात्रों से सरकार द्वारा निर्धारित फीस ही छात्रों से ली जाएगी। इतना ही ही नही, बल्कि खिलाड़ी, वीरता और राष्ट्रपति पुरस्कार प्राप्त छात्रों का शुल्क माफ किया जाएगा।