संगम नगरी में खतरे के निशान की आेर बढ़ी गंगा और यमुना

punjabkesari.in Tuesday, Sep 11, 2018 - 04:04 PM (IST)

इलाहाबादः तीर्थराज प्रयाग में पतित पावनी गंगा और श्यामल यमुना का जल खतरे के निशान की ओर बढ़ता ही जा रहा है। गंगा और यमुना का जलस्तर पिछले 24 घंटे के दौरान 60, 45 और 72 सेंटीमीटर बढ़ गया है। वर्ष 2016 में आई बाढ़ ने यहां के तराई क्षेत्रों में रहने वाले लोगों को बहुत दर्द दिया था। तब भी गंगा ने प्रयाग के कोतवाल कहे जाने वाले बड़े हनुमान का जलाभिषेक किया था।

झूंसी-गारापुर मार्ग पर बाढ़ का पानी भरने से शहर आने-जाने वालों का मुख्य मार्ग से सम्पर्क टूट गया है। हालांकि प्रशासन ने रोजमर्रा के लिए शहर आने जाने वाले लोगों के लिए छोटी नावों की व्यवस्था की है। गंगा के निरंतर बढ़ते जलस्तर से इब्राहिमपुर, हेतापट्टी, बहादुरपुर कछार समेत अन्य गांवों में लाेग एक बार फिर सुरक्षित आशियने की तलाश करने लगे हैं। दारागंज में दशाश्वमेघ घाट, सब्जी मंडी, बक्शी बांध, नागवासुकी मंदिर के नीचे के हिस्से में बनी झोपड़ियां पानी में डूब गई तथा कई घरों में पानी घुसने लगा है। 

यमुना के जलस्तर में वृद्धी से उसके कछारी वाले क्षेत्र महेबा, मेाहब्बतगंज, मडौका गांव में खतरा मंडराने लगा है और अासपास के क्षेत्रों में लोगों के मकान में पानी घुसने लगा है। राष्ट्रीय आपदा अनुक्रिया बल की टीम ने छोटा बाघड़ा, सलोरी, ढरहरिया, तलियरगंज आदि क्षेत्रों का दौरा कर यह जानकारी हासिल की कि किस क्षेत्र में पानी का दबाव बन रहा है, जिससे किसी प्रकार की विषम परिस्थिति में लाेगों को राहत प्रदान की जा सके।

Deepika Rajput