नाबालिगा से गैंगरेप, रिपोर्ट लिखाने गई पीड़िता को पुलिस ने थाने से भगाया

punjabkesari.in Saturday, Apr 15, 2017 - 03:08 PM (IST)

बांदाः महिलाओं की अस्मत की हिफाज़त करने के योगी सरकार के तमाम दावे और कोशिशे खुद योगी सरकार की पुलिस के आगे घुटने टेक रहे हैं। दबंगो और पुलिस की जुगलबंदी के चलते बलात्कारी दबंगो के खिलाफ सख्त कार्यवाही तो दूर पुलिस एफआईआर भी दर्ज नहीं कर रही। ऐसा ही एक मामला बांदा में सामने आया है जहां एक किसान की नाबालिग बेटी को उसके ही खेतमालिक के दबंग लड़को ने अगवा कर लिया और बंधक बना कर गैंगरेप किया। लड़की के अगवा होने की जब परिजनों ने पुलिस में सूचना दी तो पुलिस ने लड़की के बयान के बाद भी मुकदमा दर्ज करने के बजाय उसे थाने से भगा दिया। अब पीड़िता न्याय के लिए अपने परिजनों के साथ एसपी कार्यालय के चक्कर लगा रही है।

क्या है मामला?
दरअसल मामला बांदा के नरैनी थाना क्षेत्र का है। जहां का किसान मज़दूर रज़्ज़ाक गांव के दबंग रामपाल के खेत में काम करता है। पीड़ित परिवार का आरोप है कि 4 दिन पहले रज़्ज़ाक अपनी बीमार पुत्री को देखने उसकी ससुराल गया था और उसकी पत्नी फसल काटने खेत गई थी। पीछे से दबंग मालिक की पत्नी गीता ने उसकी 16 वर्षीय बेटी को अपने घर बुलाया और वहां मौजूद उसके दबंग बेटे लवकुश और ओमप्रकाश ने उसे दबोच लिया और उसे बंधक बना कहीं ले गए। इसके बाद उन्होंने वहां उसके साथ गैंगरेप किया और 2 दिन बाद नरैनी थाने की पुलिस के हवाले कर दिया।

पीड़िता की नहीं की दर्ज रिपोर्ट
पीड़िता का आरोप है कि थाने में पुलिस ने उस पर सुलह करने और मुंह न खोलने की धमकी दी और उसकी आपबीती सुनने के बाद भी बिना कोई कार्यवाही किए उसे थाने से भगा दिया। पीड़िता के पिता का कहना है कि जैसे ही बेटी गायब हुई उसने थाने में तहरीर दी, लेकिन पुलिस ने कोई कार्यवाही नहीं की। पिता ने कहा कि बीती रात एसओ ने उसे फ़ोन करके बुलाया और उसकी बेटी उसके हवाले कर ले जाने और कार्यवाही करने के बजाय उसे थाने से भगा दिया। पीड़ित परिवार का कहना है कि पुलिस की मिलीभगत से उनकी बेटी के साथ दुष्कर्म किया गया है।

परिजनों ने लगाई एसपी से न्याय की गुहार
वहीं नरैनी थाना पुलिस से निराश पीड़िता ने अपने परिवार के साथ एसपी कार्यालय पहुंचकर न्याय की गुहार लगाई है और मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ को भी लिखित तौर पर अपनी फ़रियाद भेजकर न्याय की मांग की है। वहीँ इस संबंध में पुलिस का कोई भी ज़िम्मेदार कुछ भी बोलने से बच रहा है।