नहीं थम रही गायत्री प्रसाद प्रजापति की मुश्किलें, बढ़ी न्यायिक हिरासत

punjabkesari.in Tuesday, Apr 17, 2018 - 01:02 PM (IST)

लखनऊः एक महिला से बलात्कार और उसकी नाबालिग बेटी से छेड़छाड़ मामले में उत्तर प्रदेश की अखिलेश सरकार में मंत्री रह चुके गायत्री प्रसाद प्रजापति की मुश्किलें बढ़ती नजर आ रही हैं। दरअसल गायत्री प्रसाद प्रजापति समेत सात आरोपियों को जेल से लाकर कोर्ट में पेश किया गया।

पॉक्सो एक्ट के विशेष न्यायाधीश विकास नागर ने सभी आरोपियों की न्यायिक हिरासत 27 अप्रैल तक बढ़ाते हुए जेल भेज दिया। अन्य आरोपियों में आशीष शुक्ला, अमरेंद्र सिंह उर्फ पिंटू, रूपेश्वर उर्फ रूपेश, चंद्र पाल, विकास वर्मा और अशोक तिवारी शामिल हैं। इस मामले में सुप्रीम कोर्ट ने किसी भी कार्यवाही पर रोक लगा रखी है। 

बता दें, चित्रकूट की महिला की शिकायत पर सुप्रीम कोर्ट ने रिपोर्ट लिखने का आदेश दिया था। इसके बाद गौतमपल्ली पुलिस ने 18 फरवरी 2017 को पूर्व मंत्री प्रजापति समेत अन्य के खिलाफ रिपोर्ट दर्ज की थी। पुलिस इस मामले में चार्जशीट दायर कर चुकी है।

गौरतलब है कि गायत्री प्रजापति पर आय से अधिक संपत्ति रखने, अवैध कब्जे, अवैध खनन सहित कई संगीन आरोप लग चुके हैं। एक बार तो अखिलेश ने प्रजापति को खनन घोटाले में कथित संलिप्ता के कारण उन्हें खनन मंत्री के पद से हटा दिया था लेकिन बाद में पिता मुलायम सिंह यादव के हस्तक्षेप के बाद उन्हें मंत्रिमंडल में वापस ले लिया गया। 

पार्टी कार्यकर्ताओं के साथ एक कार्यक्रम के दौरान अखिलेश ने मंच से कहा भी था कि उन्होंने मुलायम के कहने पर गायत्री को वापस कैबिनेट में लिया। अखिलेश का जब पिता मुलायम सिंह यादव और चाचा शिवपाल यादव के साथ पार्टी का अंदरूनी सत्ता संघर्ष चल रहा था उस समय प्रजापति भी मुद्दा बनते रहे। जानकारों का कहना है कि कैबिनेट मंत्री गायत्री प्रजापति को अमेठी से विधानसभा का टिकट भी मुलायम सिंह यादव के दबाव में मिला था। अखिलेश इसके लिए तैयार नहीं थे। 
 

Ruby