सूबे को दहलाने की थी साजिश, स्लीपर सेल बनाने की फिराक में था गाजी बाबा

punjabkesari.in Thursday, Apr 27, 2017 - 09:41 AM (IST)

लखनऊ: संदिग्ध आतंकी गाजी बाबा के पंजाब में लगभग दर्जन भर युवाआें के संपर्क में रहने की सूचना मिली है और वह इन युवाआें को ‘स्लीपर सेल’ बनाने के लिए प्रेरित कर रहा था। गाजी बाबा को हाल ही में जालंधर से गिरफ्तार किया गया है।

उत्तर प्रदेश आतंकवाद रोधी स्क्वायड (एटीएस) के एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा कि गाजी बाबा उर्फ मुजम्मिल को पिछले बृहस्पतिवार जालंधर से उप्र एटीएस ने गिरफ्तार किया था। उन्होंने बताया कि गाजी बाबा के जैश-ए-मोहम्मद के सदस्यों से संपर्क में रहने की भी सूचना मिली है। अधिकारी ने बताया कि पूछताछ के दौरान गाजी बाबा ने खुलासा किया है कि वह जैश सदस्य साजिद के संपर्क में था। वह फेसबुक के जरिए 2012 में साजिद के संपर्क में आया था। तब तक वह जेहादी समर्थक विचारों को लेकर पूरी तरह प्रभावित और कट्टर बन चुका था।

उन्होंने बताया कि 2015 में जब गाजी बाबा के पिता को पता चला कि वह जेहादी समर्थक विचारों से प्रभावित है तो उन्होंने उसे सोशल मीडिया से दूर किया लेकिन नवंबर 2016 में वह फिर सोशल मीडिया में नजर आया। उप्र एटीएस ने जिन चार संदिग्ध आतंकियों को गिरफ्तार किया है, गाजी बाबा उनमें से एक है। उसके अलावा उमर उर्फ नाजिम (मुंबई से गिरफ्तार), मुफ्ती उर्फ फैजान (बिजनौर) और जकवान उर्फ एहतेशाम (बिहार के नरकटियागंज से गिरफ्तार) भी पकड़े गए हैं। पुलिस के मुताबिक मुफ्ती और जकवान के चंद खुलासों के बाद पश्चिमी उत्तर प्रदेश के बिजनौर, अमरोहा और मुजफ्फरनगर में एलर्ट कर दिया गया है।

अधिकारी ने बताया कि संदिग्ध आतंकियों ने अमरोहा में एक शिया धर्मस्थल को निशाना बनाने की योजना बनाई थी। उनका इरादा हरिद्वार के भीड़भाड़ वाले किसी इलाके में बम हमला करना भी था। उन्होंने बताया कि मुंबई के एक पुलिस अधिकारी को मारने और बिहार के नरकटियागंज में चीनी मिल को आग लगाने की भी उनकी योजना थी। मुफ्ती और जकवान की एटीएस ने शनिवार को 8 दिन की रिमांड ली। उमर और गाजी बाबा को 24 अप्रैल को विशेष मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट की अदालत में पेश किया गया और उन्हें ट्रांजिट रिमांड पर लखनऊ लाया गया।

अदालत ने उन्हें 4 मई तक न्यायिक हिरासत में भेजा है। देश के अलग अलग हिस्सों से गिरफ्तार चारों संदिग्ध आतंकियों ने पाकिस्तान में जन्में कनाडा के लेखक एवं उदारवादी कार्यकर्त्ता तारिक फतेह को निशाना बनाने का प्रयास भी किया था। बाद में हालांकि उन्हें अहसास हुआ कि फतेह को इतनी आसानी से निशाना नहीं बनाया जा सकता इसलिए वे अन्य जगहों और व्यक्तियों को निशाना बनाने की वैकल्पिक योजना पर आगे बढ़ गए।