खुशखबरीः कैंसर के फैलाव को रोकने में IIT- BHU को मिली बड़ी सफलता

punjabkesari.in Tuesday, Jun 23, 2020 - 01:25 PM (IST)

वाराणसी: आईआईटी- बीएचयू ने कैंसर जैसी भयानक बीमारी के फैलाव को रोकन की दवा को खोज निकाला है। दावा है कि नैनो पॉलीमर युक्त एक इंजेक्शन से अब रक्त, फेफड़े, ब्रेस्ट व लिवर कैंसर का फैलाव रोक सकते हैं।  बायोकेमिकल इंजीनियरिंग विभाग ने मैसेंजर राइबो न्यूक्लिक एसिड (एमआरएनए) और व प्रोटीन के संयोजन से यह दवा तैयार की है। शोध अध्ययन के लिए मुम्बई टाटा कैंसर संस्थान व वाराणसी के महामना कैंसर सेंटर और लहरतारा स्थित कैंसर अस्पताल के साथ शैक्षणिक करार हुआ है।

बता दें कि बायोकेमिकल इंजीनियरिंग विभाग के एसोसिएट प्रो. प्रदीप पाइ व शोध विद्यार्थियों ने मिलकर यह दवा बनाई है। प्रो. पाइ ने बताया कि पॉलीमर नैनो कैप्सूल का यह इंजेक्शन कैंसर थेरेपी में महत्वपूर्ण है। इससे टारगेटेड थेरेपी की जाती है। इंजेक्शन के जरिये दवा को रक्त में पहुंचा दिया जाता है। उसके बाद यह कैंसर प्रभावित कोशिकाओं को खोजकर उसकी भित्ती से चिपक जाती है। जिससे नैनो पॉलीमर में मिली एमआरएनए दवा और प्रोटीन कैंसर सेल के भीतर पहुंच जाते हैं। कैंसर सेल को मारने के साथ ही क्षतिग्रस्त कोशिकाओं की मरम्मत शुरू कर देते हैं। इससे कैंसर का फैलाव तत्काल रुक जाता है और वह धीरे-धीरे ठीक होने लगता है।

बाजार में उपलब्ध कैंसर की सभी दवाओं से सस्ती होगी दवा
प्रोफेसर ने जाकारी देते हुए बताया कि कैंसर के उपचार में इस दवा की कम मात्रा ज्यादा कारगर है। यूके के रॉयल सोसाइटी ऑफ केमेस्ट्री के नैनोस्केल जर्नल में भी यह लेख प्रकाशित हुआ है। यह दवा अब तक बाजार में उपलब्ध कैंसर की सभी दवाओं से सस्ती होगी। इस शोध अध्ययन में कौशिक कुमार, चंदर ए, अनिल, सुकन्या पात्रा, मोनिका पाण्डेय, हिमाद्री तथा शोमदत्ता शामिल हैं। कैंसर की यह दवा रोगी के शरीर में करीब एक महीने तक अपना काम करती रहती है। जरूरत के हिसाब से नैनो कैप्सूल में बंद दवा धीरे-धीरे रिलीज होती है। इसलिए कैंसर के उपचार के लिए जल्दी-जल्दी दवा भी नहीं देनी पड़ती है।

 कैंसर प्रभावित कोशिका को ही टारगेट कर मारती है यह दवा
वहीं, एसोसिएट प्रोफेसर ने बताया कि कैंसर की यह दवा इम्युनिटी (रोग प्रतिरोधी क्षमता) को बढ़ाने में मददगार है। क्योंकि यह केवल कैंसर प्रभावित कोशिका को ही टारगेट कर मारती है। कैंसर का उपचार अभी केमोथेरेपी से किया जाता है। इससे कैंसर के अतिरिक्त अच्छी कोशिकाए भी मर जाती है। जिसकी वजह से रोगी की प्रतिरोधी क्षमता कमजोर हो जाती है। 


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Edited By

Ramkesh

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