भाजपा सरकार के पास देश की जनता के लिए कोई दृष्टिकोण नहीं है : अखिलेश यादव
punjabkesari.in Sunday, Feb 02, 2025 - 10:06 AM (IST)
लखनऊ : समाजवादी पार्टी के अध्यक्ष अखिलेश यादव ने शनिवार को पेश आम बजट को किसान, नौजवान और गरीब विरोधी बताते हुए कहा कि केंद्र सरकार बजट के आंकड़े के साथ महाकुंभ में जान गंवाने वाले श्रद्धालुओं के आंकड़े भी दे। वहीं, यादव ने महाकुंभ की व्यवस्था और खोया-पाया केन्द्र को सेना के हवाले करने की मांग करते हुए कहा कि भाजपा सरकार पर किसी को भरोसा नहीं है।
बजट किसान, नौजवान और गरीब विरोधी है - अखिलेश
अखिलेश ने एक बयान में कहा, ‘‘इस सरकार के पास देश की जनता के लिए कोई दृष्टिकोण नहीं है। बजट किसान, नौजवान और गरीब विरोधी है। केंद्र सरकार बजट के आंकड़े के साथ महाकुंभ में जान गंवाने वाले श्रद्धालुओं के आंकड़े भी दे।'' उन्होंने कहा, ‘‘आज बजट के आंकड़ों से ज्यादा जरूरी महाकुंभ में हुई भगदड़ की घटना में मरने वाले, घायल होने वाले और लापता होने वाले लोगों का आंकड़ा है। सरकार इन आंकड़ों को क्यों छिपा रही है?''
'महंगाई और बेरोजगारी कम करने की कोई योजना पेश नहीं की गई'
अखिलेश ने कहा, “बजट में महंगाई और बेरोजगारी कम करने की कोई योजना पेश नहीं की गई है। इसमें किसानों की आय बढ़ाने और उन्हें फसलों के लिए एमएसपी (न्यूनतम समर्थन मूल्य) की कानूनी गारंटी देने की बात नहीं कही गई है।” उन्होंने कहा, “किसानों की कर्जमाफी की कोई बात नहीं कही गई है। खाद्य महंगाई को कम करने को लेकर कुछ नहीं कहा गया है। इस बजट से किसानों, नौजवानों, गरीबों और व्यापारियों सभी को निराशा हुई है।”
'सरकार महाकुंभ स्नान सुरक्षित नहीं करा पा रही'
सपा प्रमुख ने दावा किया कि भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) नीत सरकार झूठे आंकड़ों के जरिये आम जनता को भ्रमित करने का काम कर रही है। उन्होंने कहा कि बजट में सरकार दोषपूर्ण जीएसटी (वस्तु एवं सेवा कर) को लेकर मौन है, जिसके चलते व्यापार और व्यापारी बर्बाद हो गए हैं। अखिलेश ने कहा, ‘‘सरकार मध्यम वर्ग को भी सब्जबाग दिखा रही है। वह दूसरे रास्ते से जनता की जेब काट रही है। दुनियाभर में अर्थव्यवस्था को लेकर ढिंढोरा पीटने वाली सरकार महाकुंभ स्नान तक सुरक्षित ढंग से नहीं करा पा रही है।'' वहीं, एक अन्य बयान में यादव ने महाकुंभ की व्यवस्था और खोया-पाया केन्द्र को सेना के हवाले करने की मांग करते हुए कहा कि भाजपा सरकार पर किसी को भरोसा नहीं है।