शिक्षकों की कमी से जूझ रहा राजकीय इंटर कॉलेज, खतरे में छात्रों का भविष्य; शैक्षणिक कार्य भी प्रभावित

punjabkesari.in Thursday, Jun 26, 2025 - 03:39 PM (IST)

सहारनपुर: पश्चिमी उत्तर प्रदेश के सहारनपुर जिले में 65 राजकीय इंटर कालेज के लिये शिक्षकों के 757 पद स्वीकृत है, जिनमें 487 पद रिक्त पड़े हैं। यही नहीं 36 कालेजों में स्थाई प्रधानाचार्य भी नहीं हैं। प्रवक्ताओं के 264 पदों में से 215 पद खाली हैं। सहायक अध्यापक के 428 पदों में 236 पद रिक्त हैं।

शिक्षण की गुणवत्ता बुरी तरह से प्रभावित
जिला विद्यालय निरीक्षक डा. अरविंद पाठक ने गुरुवार को बताया कि शासन को इस बारे में अवगत कराया गया है। उन्होंने माना कि इतनी बड़ी संख्या में शिक्षकों की कमी के चलते शिक्षण व्यवस्था बुरी तरह से प्रभावित हो रहा है। स्थिति की गंभीरता को ऐसे समझा जा सकता है कि एक ही शिक्षक को कई विषय पढ़ाने पड़ रहे हैं। परीक्षाओं में ड्यूटी देने और प्रशासनिक कार्य करने पड़ रहे हैं। इससे शिक्षण की गुणवत्ता बुरी तरह से प्रभावित हो रही है। अनेक प्रतिभाशाली छात्र राजकीय इंटर कालेज से प्राइवेट कालेजों की ओर रूख कर रहे हैं।

नई नियुक्तियां होने की अभी भी कोई संभावना नहीं 
जिला विद्यालय निरीक्षक की बातों से लगा कि अभी स्थिति में सुधार होने और नई नियुक्तियां होने की दूर-दूर तक कोई भी संभावना नहीं है। जिले में चाहे माध्यमिक शिक्षा हो या फिर प्राथमिक शिक्षा हो दोनों ही क्षेत्रों में राज्य की उदासीनता साफ दिखती है। अभी शासन ने निर्णय लिया है कि सहारनपुर के 50 छात्रों वाले प्राइमरी और उच्च प्राथमिक वाले स्कूलों को दूसरे स्कूलों में विलय किया जाएगा। इसकी वजह सरकारी प्रयासो के बावजूद सरकारी स्कूलों में बच्चे शिक्षा ग्रहण करने को लेकर बिलकुल भी उत्साहित नहीं हैं जबकि प्राइवेट स्कूलों में प्रवेश पाने को लेकर छात्रों को भारी मशक्कत करनी पड़ रही है।
 


सबसे ज्यादा पढ़े गए

Content Editor

Pooja Gill

Related News

static