यूक्रेन में हुए युद्ध के दौरान छात्र को निकालने में भी वोट तलाश रही सरकार: राकेश टिकैत
punjabkesari.in Wednesday, Mar 02, 2022 - 02:49 PM (IST)

बागपत: भारतीय किसान यूनियन के राष्ट्रीय प्रवक्ता राकेश टिकैत एक दिवसीय दौरे पर बागपत पहुंचे। इस दौरान उन्होंने केंद्र सरकार पर जमकर निशाना साधा। उन्होंने कहा कि भारत सरकार यूक्रेन में युद्ध में से भी वोट तलाश कर रही है। यह फोटो सेशन चल रहा है जो सरकार के पक्ष में बोलता है उस छात्र को दिखाया जाता है। राकेश टिकैत ने कहा कि किसानों के मसले पर अगर सरकार किसी पार्टी की होती तो बात अवश्य करती। लेकिन देश तानाशाही की तरफ बढ़ रहा है। उन्होंने कहा कि देश में कोरिया जैसा शासन चल रहा है। क्या दुनिया का किंग जोंग भारत में पैदा होगा। ये सब देश को नहीं चाहिए।
उन्होंने कहा कि "किसानों की फसलें भी डिजिटल इंडिया कैंपेन से जोड़ दी जाए तो हमारा गन्ने का भुगतान भी हो जाए। जिस बेल्ट में है एक साल से गन्ने का भुगतान नहीं हुआ है कई ऐसी शुगर फैक्ट्रियां है जो समय पर भुगतान नहीं कर रही है। उन पर कोई कार्रवाई नहीं की जाती है। लेकिन चुनाव के दौरान भुगतान 10 दिन में या 15 दिन में भी हुआ है मेरा मतलब यह है कि सरकार जब चाहे भुगतान करवा सकती है। यदि चुनाव हर साल हो जाएंगे तो गन्ने का भुगतान भी हर साल हो सकता है। टिकैत ने कहा देश में एक बड़े आंदोलन की जरूरत है उससे ही कुछ बदलाव हो सकता है। दिल्ली में मुकदमे वापसी पर बोले कि हां बताया है कि कुछ मुकदमे वापस हुए है और कुछ मुकदमे छोड़े दिए है उनकी डिटेल मंगवाई है। अगर कोई हेलियस क्राइम में या कत्ल का होगा तो हम उसका स्पष्टीकरण देंगे यदि कोई कोर्ट में है तो कोर्ट का फैसला होगा। इस समझौते में था कि जब समझौता होता है तो सारी चीजें खत्म हो जाती है इसी में हमारे 5000 से ट्रैक्टर तोड़े गए हैं समझौता हुआ था।
भाकियू प्रवक्ता ने कहा कि यूक्रेन युद्ध में जो सरकार वोट तलाश रही है। भारत सरकार छात्रों में वोट तलाश कर रही है कि वहां से जितने आएंगे उनके बयानबाजी करा रही है। जो सरकार के पक्ष में देते हैं वे दिखा रहे हैं और असलियत बता रहे हैं उसे नहीं दिखा रहे हैं क्या यह समय भी छात्रों से पैसा कमाने का है। पौलेंड का बॉर्डर दो दिन पहले खोला है। वहां से बहुत वीडियो आ रहे है क्या भारत सरकार के लिए चुनाव पहले थे भारत के बच्चे प्यारे नहीं थे। पहले वहां पर फोटो सेशन चला है। युद्ध में से वोट तलाश रहे हैं। यह भी कहा कि नौ फरवरी को मतगणना स्थल के आसपास ट्रैक्टर लेकर पहुंच जाना। उन्होंने कहा कि जिला पंचायत में जो हुआ उसे नरंदाज नहीं किया जा सकता है। किसानों का आंदोलन 13 माह का चला है। 22 जनवरी 21 को भारत सरकार से आखिरी बातचीत हुई है उसके बाद बात नहीं हुई। समझौता लिखित में हुआ है आदमी कोई नहीं मिली। क्या देश तानाशाही सरकार चाहिए। किसान देश में तानाशाही सरकार नहीं चाहता है।