शहीदों के लिए सरकार के पास पैसा नहीं : बिट्टा

punjabkesari.in Wednesday, May 11, 2016 - 07:50 PM (IST)

गाजियाबाद: भारत माता की सीमा पर अपनी जान को गंवा देने वाले शहीदों के लिए सरकार के पास पैसा नहीं है। राजनेता सिर्फ थोड़ी देर के लिए जवानों की शहादत को याद रखते हैं उसके बाद उन्हें भूल जाते हैं। ऐसा कहना है ऑल इंडिया टेरेरिस्ट फ्रंट के चेयरमैन एम.एस. बिट्टा का। उन्होंने कोचिंग सेंटर के उद्घाटन अवसर पर सरकार पर निशाना साधते हुए कहा कि सरकारों के पास में दूसरे कामों और घोटालों के लिए फंड उपलब्ध है।
 
एम.एस. बिट्टा का कहना है कि देश का जवान हमारी सीमा की रक्षा के लिए अपनी जान कुर्बान करते हैं। लेकिन सरकारें उसकी शहादत को कम आंकती है। कारगिल के दौरान तत्कालीन सरकार की तरफ से वहां पर शहीद हुए जवानों की कीमत सिर्फ 70 हजार रूपए लगाई गई है। सभी को उतने मुआवजे की घोषणा की गई है। जिस पर उनकी संस्था ने शहीदों के परिवार वालों को ढाई लाख रूपए दिए हैं। इससे शर्म मानकर बाद में सरकार ने सभी को 5-5 लाख रूपए देने की घोषणा की। भारत को माता का दर्जा दिया जाता है। यहां जन्मे लोग अपनी सीमाओं की रक्षा करने के लिए अपनी जान की कुर्बानी करना अपना सौभाग्य समझते हैं। महेन्द्रगढ़ में एक जवान शहीद युद्ध के दौरान शहीद हुआ। उसके परिवार में 2 बेटे थे। परिवार के लोग दोनों बेटों को सेना में भर्ती कराना चाहते थे। इसलिए सरकार की शहीद और देश भावना को समझते हुए ऐसे परिवारों की भावनाओं की कदर करनी चाहिए।