लखीमपुर कांड पर SIT की रिपोर्ट पर भड़के लल्लू, कहा- मंत्री अजय कुमार मिश्रा को बर्खास्त करे सरकार

punjabkesari.in Thursday, Dec 16, 2021 - 02:41 PM (IST)

लखनऊ: लखीमपुर खीरी में प्रदर्शनकारी  किसानों को गाड़ियों से रौंदकर मार डालने के मामले में एसआईटी रिपोर्ट के बाद विपक्ष अब सरकार पर काफी हमलावर हो गया है।  केस में मुख्य आरोपी केंद्रीय गृह राज्यमंत्री अजय मिश्र टेनी का बेटा है लिहाजा विपक्ष उनके इस्तीफे लेकर विधान भवन के अन्दर बाहर हंगामें पर उतर गया है।  विपक्ष सरकार से लगातार मांग कर रहा है कि मंत्री का स्तीफा लिया जाए।  जिसे लेकर उत्तर प्रदेश विधानमंडल के शीतकालीन सत्र के दूसरे दिन भी विपक्षी दलों का हंगामा जारी रहा।

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कांग्रेस के विधायकों ने विधान सभा भवन के सामने जमकर हंगामा किया। वहीं बाद समाजवादी पार्टी के भी विधायकों ने केंद्रीय गृह राज्य मंत्री अजय मिश्र टेनी को बर्खास्त करने की मांग करते हुए हंगामा किया।  इस दौरान कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष अजय कुमार लल्लू , विधानमंडल दल की नेता आराधना मिश्रा समेत कई कांग्रेस नेताओं ने गांधी से लेकर विधान सभा के सामने प्रदर्शन किया। कांग्रेस विधान परिषद दल के नेता दीपक सिंह ने केन्द्रीय मंत्री की अभद्रता पर नाराजगी जताते हुए कहा सत्ता के नशे में चूर मंत्री पत्रकारों से गाली गलौज कर रहे हैं यह निंदनीय है।  उन्होंने कहा जब तक अजय कुमार मिश्र टेनी को बर्खास्त नहीं किया जाएगा तब तक हमारी लड़ाई जारी रहेगी। 

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बता दें कि मामले के मुख्य विवेचक विद्याराम दिवाकर की ओर से सीजेएम कोर्ट में प्रार्थना पत्र दिया गया था। सहायक अभियोजन अधिकारी ने कोर्ट को बताया था कि यह सुनियोजित हत्या का मामला है। इसलिए मुकदमा आईपीसी की धारा 147, 148, 149, 307, 326, 302, 34, 120 बी, 3/25/30 शस्त्र अधिनियम के तहत चलना चाहिए। किसान पक्ष के वकीलों ने भी एसआईटी के अनुरोध के अनुसार धाराएं बढ़ाने की दलील दी। आरोपियों के वकील ने वारदात को दुर्घटना बताते हुए कहा कि यह हत्या का मामला नहीं है। कोर्ट ने दलीलें सुनने के बाद धारा 34 को छोड़कर अन्य धाराएं बढ़ाने को मंजूरी दे दी। आर्म्स ऐक्ट की धारा में धारा-35 भी जोड़ी गई है। सीजेएम कोर्ट को दिए गए प्रार्थना पत्र में कहा गया था कि अभी तक करीब 90 गवाहों के बयान लिए जा चुके हैं। बयान और साक्ष्यों के आधार पर यह प्रमाणित हो रहा है कि कई लोगों ने साजिश के तहत यह वारदात की। इस कारण मामले में हत्या, कई लोगों की हत्या का प्रयास, सुनियोजित साजिश की धाराएं बढ़ाने की जरूरत है। यह न तो दुर्घटना है और न ही गैर इरादतन हत्या। ऐसे में धारा-279, 338, 304 ए का कोई औचित्य नहीं है।


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Content Writer

Ramkesh

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