गैर मान्यता प्राप्त मदरसों का सर्वेक्षण कराएगी सरकार, ओवैसी बोले - यूपी के ​मुसलमानों को परेशान कर रही है योगी सरकार

punjabkesari.in Thursday, Sep 01, 2022 - 05:20 PM (IST)

लखनऊ: उत्तर प्रदेश सरकार ने राज्य के गैर मान्यता प्राप्त मदरसों में मूलभूत सुविधाओं की स्थिति जानने के लिए उनका सर्वेक्षण कराने का बुधवार को फैसला किया। इसे लेकर प्रदेश में सियासत तेज हो गई। ऑल इंडिया मजलिस-ए-इत्तेहादुल मुस्लिमीन के राष्ट्रीय अध्यक्ष ने इसे लेकर उत्तर प्रदेश की योगी सरकार पर जमकर निशाना साधा है। उन्होंने कहा कि मदरसे की सर्वे की क्या जरूरत है। ओवैसी ने कहा कि मान्यता प्राप्त मदरसे के अध्यापकों को योगी सरकार और केन्द्र सरकार वेतन नहीं दे रही है। जबकि वो वेतन के लिए परेशान है। उन्होंने संविधान के नियमों का हवाला देते हुए कहा कि सरकार प्राइवेट मदरसे में हस्तक्षेप नहीं कर सकती है। उन्होंने कहा कि मदरसे को सरकार शक की निगाह से देख रही है जबकि मदरसे से निकल कर लोगों ने देश को आजाद कराया है। उसके बावजूद उन लोगों पर शक किया जा रहा है।

अल्पसंख्यक कल्याण राज्य मंत्री दानिश आजाद अंसारी
 राज्य के अल्पसंख्यक कल्याण राज्य मंत्री दानिश आजाद अंसारी ने बताया कि राज्य सरकार ने मदरसों में छात्र-छात्राओं को मूलभूत सुविधाओं की उपलब्धता के सिलसिले में राष्ट्रीय बाल अधिकार संरक्षण आयोग की अपेक्षा के मुताबिक, प्रदेश के सभी गैर मान्यता प्राप्त मदरसों का सर्वेक्षण कराने का फैसला किया है। इसे जल्द ही शुरू किया जाएगा। उन्होंने बताया कि सर्वेक्षण में मदरसे का नाम, उसका संचालन करने वाली संस्था का नाम, मदरसा निजी या किराए के भवन में चल रहा है इसकी जानकारी, मदरसे में पढ़ रहे छात्र-छात्राओं की संख्या, पेयजल, फर्नीचर, विद्युत आपूर्ति तथा शौचालय की व्यवस्था, शिक्षकों की संख्या, मदरसे में लागू पाठ्यक्रम, मदरसे की आय का स्रोत और किसी गैर सरकारी संस्था से मदरसे की संबद्धता से संबंधित सूचनाएं इकट्ठा की जाएंगी। पूछा गया कि क्या राज्य सरकार इस सर्वेक्षण के बाद नए मदरसों को मान्यता देने की प्रक्रिया शुरू करेगी, तो राज्य मंत्री ने कहा कि अभी सरकार का मकसद सिर्फ गैर मान्यता प्राप्त मदरसों के बारे में सूचनाएं इकट्ठा करना है।

यूपी में कुल 16,461 मदरसे हैं जिनमें से 560 को सरकारी अनुदान मिला
गौरतलब है कि उत्तर प्रदेश में इस वक्त कुल 16,461 मदरसे हैं जिनमें से 560 को सरकारी अनुदान दिया जाता है। प्रदेश में पिछले छह साल से नए मदरसों को अनुदान सूची में नहीं लिया गया है। अल्पसंख्यक कल्याण राज्य मंत्री ने बताया कि आज जारी आदेश के मुताबिक, अब मदरसों में प्रबंध समिति के विवादित होने या समिति के किसी सदस्य के अनुपस्थित होने की दशा में मदरसे के प्रधानाचार्य और जिला अल्पसंख्यक कल्याण अधिकारी मृतक आश्रित कोटे से नियुक्तियां कर सकेंगे। इससे पहले, प्रबंध समिति में कोई समस्या होने पर मृतक आश्रित को नौकरी के लिए मुश्किलों का सामना करना पड़ता था।

अंसारी ने बताया कि अब सहायता प्राप्त मदरसों के शिक्षक और शिक्षणेत्तर कर्मचारियों के प्रार्थना पत्र पर संबंधित मदरसे के प्रबंधकों की सहमति और राज्य मदरसा शिक्षा परिषद के रजिस्ट्रार के अनुमोदन से उनका स्थानांतरण किया जा सकेगा। उन्होंने बताया कि अब मदरसों में कार्यरत महिला कर्मचारियों को माध्यमिक शिक्षा विभाग और बेसिक शिक्षा विभाग में लागू नियमों के अनुरूप मातृत्व अवकाश और बाल्य देखभाल अवकाश भी मिलेगा। इस बीच, टीचर्स एसोसिएशन मदारिस अरबिया के महासचिव दीवान साहब जमां ने राज्य सरकार के इन फैसलों का स्वागत करते हुए कहा कि इससे मदरसा शिक्षकों और शिक्षणेत्तर कर्मचारियों को फायदा होगा।
 


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Content Writer

Ramkesh

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