राम नगरी में राष्ट्रपति का भव्य स्वागत, बोले- अयोध्या वहीं, जहां राम हैं...

punjabkesari.in Sunday, Aug 29, 2021 - 01:45 PM (IST)

अयोध्या: रामनगरी अयोध्या पहुंचे राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने कहा कि राम के बिना अयोध्या, अयोध्या है ही नहीं। अयोध्या तो वही है, जहां राम हैं। इस नगरी में प्रभु राम सदा के लिए विराजमान हैं, इसलिए यह स्थान सही अर्थों में अयोध्या है। वहीं राष्ट्रपति ने राम कथा पार्क में रामायण कॉन्क्लेव का उद्घाटन करते हुए कहा कि रामायण ऐसा विलक्षण ग्रंथ है जो रामकथा के माध्यम से विश्व समुदाय के समक्ष मानव जीवन के उच्च आदर्शों और मर्यादाओं को प्रस्तुत करता है। मुझे विश्वास है कि रामायण के प्रचार-प्रसार हेतु उत्तर प्रदेश सरकार का यह प्रयास भारतीय संस्कृति तथा पूरी मानवता के हित में महत्वपूर्ण सिद्ध होगा।

राष्ट्रपति ने कहा कि अयोध्या का शाब्दिक अर्थ है, ‘जिसके साथ युद्ध करना असंभव हो’. रघु, दिलीप, अज, दशरथ और राम जैसे रघुवंशी राजाओं के पराक्रम व शक्ति के कारण उनकी राजधानी को अपराजेय माना जाता था, इसलिए इस नगरी का ‘अयोध्या’ नाम सर्वदा सार्थक रहेगा।

रामायण कॉन्क्लेव के दौरान उन्‍होंने कहा कि रामायण में दर्शन के साथ-साथ आदर्श आचार संहिता भी उपलब्ध है जो जीवन के प्रत्येक पक्ष में हमारा मार्गदर्शन करती है। संतान का माता-पिता के साथ, भाई का भाई के साथ, पति का पत्नी के साथ, गुरु का शिष्य के साथ, मित्र का मित्र के साथ, शासक का जनता के साथ और मानव का प्रकृति व पशु-पक्षियों के साथ कैसा आचरण होना चाहिए, इन सभी आयामों पर, रामायण में उपलब्ध आचार संहिता, हमें सही मार्ग पर ले जाती है। रामचरितमानस में एक आदर्श व्यक्ति और एक आदर्श समाज दोनों का वर्णन मिलता है। रामराज्य में आर्थिक समृद्धि के साथ-साथ आचरण की श्रेष्ठता का बहुत ही सहज और हृदयग्राही विवरण मिलता है।
नहिं दरिद्र कोउ, दुखी न दीना।
नहिं कोउ अबुध, न लच्छन हीना।।

Content Writer

Tamanna Bhardwaj