गुरूनानक देव जी ने मानव जाति में कभी नहीं समझा भेदभाव: नाईक

punjabkesari.in Tuesday, Jul 09, 2019 - 04:31 PM (IST)

लखनऊ: उत्तर प्रदेश के राज्यपाल राम नाईक ने कहा कि महापुरूषों के आदर्श हमारे जीवन में पवित्रता लाते हैं और गुरुनानक जी ने कभी मानव जाति में भेदभाव नहीं समझा। नाईक ने मंगलवार को यहां सदर गुरूद्वारा में श्री गुरूनानक सतसंग सभा में गुरूनानक के 550वें जन्म शताब्दी वर्ष पर आयोजित जागृति यात्रा में शामिल सभी श्रद्धालुओं का स्वागत करते यह बात कही। उन्होंने कहा कि केन्द्र सरकार ने 2018 में निर्णय लिया था कि गुरूनानक देव की 550वीं जयन्ती पूरे देश में मनाई जाएगी और 550वीं जयन्ती समारोह में विभिन्न प्रकार की कार्यशाला, व्याख्यान आदि का आयोजन किया जाएगा।

उन्होंने कहा कि सिख धर्म के संस्थापक गुरूनानक देव केवल महान संत ही नहीं बल्कि महान समाज सुधारक भी थे। उन्होंने मानवता के उद्धार के लिए सामाजिक कुरूतियों को समाप्त करने और आदर्श समाज की स्थापना के लिए जो पावन संदेश दिया वह सदैव प्रासंगिक रहेगा। उन्होंने कहा कि गुरूनानक ने कभी मानव जाति में भेदभाव नहीं समझा और महिलाओं के सम्मान को बहुत महत्व देते थे।

नाईक ने कहा कि महापुरूषों के आदर्श हमारे जीवन में पवित्रता लाते हैं। सभी धर्म महान हैं। महापुरूषों के पावन उपदेश पर चलकर हमें देश और प्रदेश के विकास में सहयोग करना चाहिए। सामूहिकता में ही शक्ति है, इसलिए हम सबको एकता की भावना को बनाए रखना चाहिए। इसी में मानव जीवन का कल्याण निहित है।     इस मौके पर श्लोक ‘चरैवेति! चरैवेति!!' का मर्म समझाते हुए राज्यपाल ने बताया कि जो बैठ जाता है उसका भाग्य भी बैठ जाता है, जो सोया रहता है उसका भाग्य भी सो जाता है, जो चलता रहता है उसका भाग्य भी चलता है। सूरज इसलिए जगत वंदनीय है क्योंकि वह निरन्तर चलायमान है।

उन्होंने कहा कि जीवन में निरन्तर आगे बढ़ने से सफलता प्राप्त होती है। कार्यक्रम में अन्य लोगों ने भी अपने विचार रखे। इस अवसर पर सभा की ओर से राज्यपाल को सरोपा एवं स्मृति चिन्ह देकर सम्मानित किया गया। इस मौके पर अल्पसंख्यक कल्याण एवं सिचाई मंत्री बलदेव ओलख,लखनऊ गुरूद्वारा प्रबन्धक कमेटी के अध्यक्ष सरदार राजिन्दर सिंह बग्गा, महामंत्री सरदार हरपाल सिंह जग्गी, बिदर से जागृति यात्रा का नेतृत्व करने वाले डॉ. गुरूमीत सिंह सहित बड़ी संख्या में श्रद्धालुजन उपस्थित थे। जागृति यात्रा 18 राज्यों से होते हुए बिदर के ऐतिहासिक गुरूद्वारा नानक झीरा से सोमवार को लखनऊ आई थी।

Anil Kapoor