ज्ञानवापी मामले में फैसला टला, कार्बन डेटिंग में आज आने वाला था कोर्ट का फैसला

punjabkesari.in Friday, Oct 07, 2022 - 02:48 PM (IST)

लखनऊः  ज्ञानवापी मस्जिद मामले में कोर्ट ने कार्बन डेंटिग के फैसले की सुनवाई टाल दी है। अगली सुनवाई 11 अक्टूबर को होगी। दरअसल कोर्ट आज इस मामले पर फैसला सुनाने वाला था। बता दें कि सर्वे के दौरान मिले शिवलिंग की लंबाई, चौड़ाई, गहराई, उम्र और आसपास की एरिया की कार्बन डेटिंग या अन्य आधुनिक तरीके से जांच पर सुनवाई के लिए जिला जज डॉ. अजय कृष्ण विश्वेश की अदालत ने 7 अक्टूबर की तारीख तय की थी, जिसके चलते आज जिला जज की अदालत का आदेश आ सकता है।

बता दें कि ज्ञानवापी सर्वे के दौरान हिंदू पक्ष के दावे के मुताबिक जो शिवलिंग मिली थी, उस पर वादिनी राखी सिंह के वकील ने कार्बन डेटिंग न कराए जाने की मांग की तो वहीं चार अन्य वादियों के वकील विष्णु शंकर जैन ने कार्बन डेटिंग या साइंटिफिक जांच करवाकर शिवलिंग की प्राचीनता का पता लगाने की गुहार लगाई। उनका दावा था कि अगर कोर्ट आदेश दे देता है कि, शिवलिंग की कार्बन डेटिंग हो, तब इससे यह पता लगाया जा सकता है कि जो पत्थर है, वह कितना प्राचीन है। उन्होंने यह भी कहा था कि यह काम शिवलिंग को छेड़छाड़ किए बिना होना चाहिए, यह चाहे कार्बन डेटिंग से हो या किसी अन्य तरीके से किया जाए। इस मामले में सुनवाई पूरी होने के बाद आदेश के लिए जिला जज डॉ. अजय कृष्ण विश्वेश की अदालत ने 7 अक्टूबर की तारीख तय की थी।



कार्बन डेटिंग मिलने में हो रही दिक्कतें
29 सितंबर की सुनवाई से पहले ही कार्बन डेटिंग को लेकर मंदिर पक्ष ही बंटा दिखाई देने लगा। वादी राखी सिंह ने अपने वकील अनुपम दिवेदी के जरिए कार्बन डेटिंग की मांग पर अदालत में प्रार्थना पत्र देकर अपना विरोध दर्ज कराया था। विरोध के पीछे तर्क था कि कार्बन डेटिंग या किसी दूसरे ऐसे वैज्ञानिक तरीके जिससे सैंपल लेना पड़े, उससे शिवलिंग भंग होगा। जिससे सनातन धर्मावलंबियों की आस्था को धक्का लगेगा। वहीं, इस मामले में बीएचयू के रिटायर्ड प्रोफेसर और विख्यात पुरातत्वविद प्रोफेसर सीताराम दुबे का कहना है कि, पत्थर की कार्बन डेटिंग होना मुश्किल है। कार्बन डेटिंग करने के लिए कार्बन होना जरूरी है, जो पत्थर यानी शिवलिंग से कैसे मिलेगा। ऐसे में कार्बन डेटिंग को लेकर लोग अपना अलग- अलग तर्क दे रहे है।

Content Editor

Pooja Gill