Hathras Stampede Case: 13 जून को होगी हाथरस सत्संग भगदड़ मामले में अगली सुनवाई

punjabkesari.in Thursday, Jun 05, 2025 - 10:13 AM (IST)

हाथरस: उत्तर प्रदेश के हाथरस जिले की एक स्थानीय अदालत ने जुलाई 2024 में हुई भगदड़ के सिलसिले में बुधवार को दलीलें सुनने के बाद मामले की अगली सुनवाई 13 जून को निर्धारित की। इस हादसे में 121 लोगों की जान चली गई थी। यह घटना दो जुलाई को सिकंदराराऊ तहसील के बुलगढ़ी गांव में स्वयंभू प्रवचनकर्ता सूरजपाल उर्फ भोले बाबा उर्फ नारायण साकार हरि के सत्संग के दौरान हुई थी। 

आरोप तय करने के लिए चल रही बहस 
बुधवार की कार्यवाही के दौरान, आरोपी कार्यक्रम आयोजकों की ओर से पेश हुए उच्चतम न्यायालय के वकील ए पी सिंह ने अदालत से कहा कि यह घटना एक “साजिश” थी और वे एक याचिका के माध्यम से सच्चाई को उजागर करेंगे। सिंह ने कहा, “दो जुलाई को जो हुआ वह दुर्घटना नहीं बल्कि एक सुनियोजित साजिश थी। हम अराजकता फैलाने और मौतों का कारण बनने वाले जहरीले पदार्थों का छिड़काव करने वालों के नाम बताते हुए एक याचिका दायर करेंगे।” उन्होंने बताया, "मामले में सभी ग्यारह आरोपी फिलहाल जमानत पर हैं। संजू यादव को छोड़कर सभी अदालत में मौजूद थे। आरोप तय करने के लिए बहस चल रही है।" 

'साजिश के पीछे जो लोग थे, वे...'
वकील के अनुसार, इस दावे का समर्थन करने वाले साक्ष्य और तथ्य हैं कि बाहरी लोगों ने बड़ी भीड़ को देखकर राजनीतिक लाभ के लिए भगदड़ की साजिश रची। उन्होंने कहा, "साजिश के पीछे जो लोग थे, वे सत्संग का हिस्सा नहीं थे। उनका उद्देश्य भोले बाबा की छवि को धूमिल करना और त्रासदी से राजनीतिक लाभ उठाना था।" सिंह ने कहा कि अदालत ने मामले की सुनवाई के लिए अगली तारीख 13 जून तय की है। इस बीच, कार्यक्रम के मुख्य आयोजक और हाल ही में जमानत पर रिहा हुए देव प्रकाश मधुकर ने दोहराया कि यह घटना नारायण साकर हरि (भोले बाबा) को बदनाम करने का एक जानबूझकर किया गया प्रयास था। उन्होंने कहा, "हम मानवता, एकता और भाईचारे को बढ़ावा देने के लिए काम कर रहे थे। प्रशासन ने हमें बेबुनियाद आरोपों के साथ झूठा फंसाया है।" 


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Content Editor

Pooja Gill

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