योगी सरकार के लव जिहाद अध्यादेश को HC में दी गई चुनौती, अब इस तारीख को होगी सुनवाई

punjabkesari.in Friday, Jan 08, 2021 - 09:25 AM (IST)

प्रयागराज: इलाहाबाद उच्च न्यायालय, उत्तर प्रदेश में लव जिहाद अध्यादेश को चुनौती देने वाली जनहित याचिका पर आगामी 15 जनवरी को सुनवाई करेगा। मुख्य न्यायाधीश गोविंद माथुर और न्यायमूर्ति एसएस शमशेरी की पीठ ने बलपूर्वक और धोखे से धर्म परिवर्तन के खिलाफ उत्तर प्रदेश के नए अध्यादेश की संवैधानिक वैधता को चुनौती देने वाली इस याचिका पर यह आदेश दिया। अदालत में दाखिल एक हलफनामे में राज्य सरकार ने कहा कि इस अध्यादेश का उद्देश्य किसी भी रूप में गैर कानूनी धर्म परिवर्तन को रोकना है।

अधिवक्ता सौरभ कुमार सहित अन्य दायर जनहित याचिका में दलील दी गई है कि यह अध्यादेश पसंद और आस्था परिवर्तन के मौलिक अधिकार का हनन करता है और इस तरह से यह नैतिक रूप से और संवैधानिक रूप से अवैध है। याचिकाकर्ताओं ने अदालत से इस अध्यादेश को संविधान से परे घोषित करने का अनुरोध किया है। इसके अलावा, उन्होंने अदालत से इस याचिका के लंबित रहने तक अधिकारियों को इस अध्यादेश के तहत कोई कार्रवाई नहीं करने का निर्देश जारी करने का अनुरोध किया।

इस अध्यादेश से जुड़े एक मामले में उत्तर प्रदेश पुलिस ने जांच के बाद नदीम नाम के एक व्यक्ति के खिलाफ लव जिहाद के आरोप हटा लिए थे। हालांकि पुलिस ने आईपीसी की धारा 504 और 506 के तहत आरोप पत्र दाखिल किया है। इस मामले में अदालत ने अपना स्थगनादेश आगे बढ़ाया और इस मामले की भी सुनवाई 15 जनवरी को करने का आदेश दिया।

इससे पूर्व, पिछले वर्ष 18 दिसंबर को इलाहाबाद उच्च न्यायालय ने उत्तर प्रदेश पुलिस को आरोपी नदीम के खिलाफ कोई बलपूर्वक कार्रवाई नहीं करने को कहा था और उसकी याचिका को इस जनहित याचिका के साथ नत्थी कर दिया था। हरिद्वार के निवासी नदीम पर उत्तर प्रदेश पुलिस द्वारा पिछले वर्ष 29 नवंबर को मामला दर्ज किया गया था। यह मामला मुजफ्फरनगर के निवासी अक्षय कुमार की शिकायत पर दर्ज किया गया था। एफआईआर में आरोप लगाया गया था कि नदीम ने अक्षय की पत्नी से शादी कर उसका धर्म परिवर्तन कराने के उद्देश्य से उसके साथ अवैध संबंध बना लिए थे।

Anil Kapoor