SC-ST एक्ट पर इलाहाबाद हाईकोर्ट का निर्णय-अब फैसले के 6 महीने बाद भी मिलेगा अपील का मौका

punjabkesari.in Wednesday, Oct 10, 2018 - 06:25 PM (IST)

इलाहाबाद(सैयद रजा): इलाहाबाद हाईकोर्ट ने एससी-एसटी एक्ट मामले को लेकर अपने एक अहम फैसले में कहा है कि एससी-एसटी एक्ट के तहत कोर्ट के आदेश या निर्णय के खिलाफ 6 महीने बाद भी हाईकोर्ट में अपील दायर की जा सकती है। 

कोर्ट ने 26 जनवरी 2016 को SC-ST एक्ट में किए गए संशोधन के बाद एक्ट के तहत कोर्ट के आदेश या निर्णय के खिलाफ 6 माह बीत जाने के बाद अपील न करने के प्रावधान को समाप्त कर दिया है। हाईकोर्ट ने एससीएसटी एक्ट की धारा 14 ए(3) उपखंड 2 को असंवैधानिक घोषित करार दिया है। यानि पीड़ित और मुलजिम दोनों को विशेष कानून के तहत आदेशों के खिलाफ हाईकोर्ट में अपील की छूट होगी। हांलाकि हाईकोर्ट को याचिका पुनरीक्षण या धारा 482 के तहत हस्तक्षेप का अधिकार नहीं होगा।

विशेष अदालत गठित करने का दिया आदेश
हाईकोर्ट ने राज्य सरकार को एससी-एसटी के मुकदमों की सुनवाई के लिए 8 हफ्ते में SC-ST एक्ट के तहत विशेष अदालत गठित करने का भी आदेश दिया है। कोर्ट ने ये आदेश एससीएसटी एक्ट की धारा 14 की वैधता के मामले में दिया है। इससे पहले एससी-एसटी एक्ट के तहत किसी केस में आदेश या निर्णय के खिलाफ हाईकोर्ट में 90 दिन में अपील हो सकती थी। इसके बाद अगले 90 दिन की अपील दाखिले में देरी पर कोर्ट ही देरी माफ कर सकती थी। लेकिन कुल 180 दिन के बाद कोर्ट में अपील नहीं की जा सकती थी। 

अधिवक्ता विष्णु तिवारी ने दी थी चुनौती 
हाईकोर्ट के अधिवक्ता विष्णु बिहारी तिवारी ने एक जनहित याचिका दाखिल कर एक्ट की धारा 14 ए को चुनौती दी थी। उन्होंने याचिका में आरोप लगाया था कि एक्ट की यह धारा व्यक्ति के मौलिक अधिकारों का हनन है। जिस मामले में इलाहाबाद हाईकोर्ट के तीन जजों चीफ जस्टिस डी बी भोसले, जस्टिस रमेश सिन्हा और जस्टिस यशवंत वर्मा की पूर्ण पीठ ने बहस पूरी होने के बाद 20 सितम्बर को फैसला सुरक्षित कर लिया था। 

Ruby