जमानत याचिका पर सुनवाई के दौरान आरोपी के रेप पीड़िता से शादी करने की इच्छा पर संज्ञान नहीं ले सकतेः HC

punjabkesari.in Thursday, Jul 01, 2021 - 07:42 PM (IST)

प्रयागराजः इलाहाबाद हाईकोर्ट ने एक जमानत याचिका पर सुनवाई करते हुए बलात्कार के एक आरोपी के उस बयान पर विचार करने से इनकार कर दिया, जिसमें उसने कहा था कि वह बलात्कार पीड़िता से शादी करने का इच्छुक है। न्यायमूर्ति विवेक अग्रवाल की खंडपीठ ने कहा कि दण्ड प्रक्रिया संहिता (सीआरपीसी) की धारा 164 के तहत दर्ज पीड़िता के बयान को पढ़ने के बाद कोर्ट को इस तरह के किसी भी समझौते (बलात्कार के आरोपी और पीड़िता के बीच) पर संज्ञान लेने से रोक दिया गया है।

अदालत आवेदक-कामिल द्वारा दायर नियमित जमानत आवेदन पर सुनवाई कर रही थी, जो विशेष न्यायाधीश, पॉक्सो एक्ट, इलाहाबाद द्वारा पारित एक आदेश से व्यथित था क्योंकि विशेष न्यायाधीश ने उसकी जमानत याचिका को खारिज कर दिया था। आवेदक के वकील ने कहा कि पीड़िता बालिग है और उसने इस आशय का एक आवेदन दायर किया है कि वह आरोपी से शादी करने को तैयार है। इसके अलावा, ऐसे दस्तावेजों पर भरोसा करते हुए, यह प्रस्तुत किया गया था कि चूंकि पीड़िता आवेदक से शादी करने के लिए तैयार थी, इसलिए यह आवेदक को जमानत देने का एक अच्छा मामला है।

कोर्ट ने कहा किः ''पीड़ित की भावनाओं के बावजूद, जैसा कि अपर्णा भट व अन्य बनाम मध्य प्रदेश राज्य व अन्य,2021 सीआरआई.एल.जे 2281 के मामले में सर्वोच्च न्यायालय द्वारा आयोजित किया गया है,उसे देखते हुए न्यायालय को इस तरह के किसी भी समझौते पर संज्ञान लेने से रोक दिया जाता है,विशेषतौर पर जब सीआरपीसी की धारा 164 के तहत मजिस्ट्रेट के समक्ष पीड़िता का बयान दर्ज हो चुका हो और उसे पढ़ा जा चुका हो। इसलिए जमानत आवेदन विफल हो जाता है और उसे खारिज कर दिया जाता है।''

इसके अलावा, अदालत ने आरोपी के इस बयान को भी ध्यान में रखने से इनकार कर दिया कि वह पीड़िता से शादी करने को तैयार था। कोर्ट ने कहा, ''यह अदालत जमानत अर्जी पर विचार करते समय ऐसे बयानों पर संज्ञान नहीं ले सकती है।'

 

 

Content Writer

Tamanna Bhardwaj