हेड कांस्टेबलों को पदावनत किये जाने के मामले की सुनवाई एक अक्टूबर को करेगा HC

punjabkesari.in Monday, Sep 28, 2020 - 07:46 PM (IST)

 प्रयागराजः इलाहाबाद उच्च न्यायालय ने सोमवार को हेड कांस्टेबलों से कांस्टेबल के पद पर रिवर्ट( पदावनत) किए जाने के मामले की सुनवाई की तारीख अब एक अक्टूबर नियत की है। न्यायालय में सोमवार शासन की तरफ से लिखित में प्राप्त जानकारी दी गयी कि इन कांस्टेबलों के पदावनत आदेश को संशोधित कर दिया गया है । यह आदेश जस्टिस ए के मिश्र ने हेड कांस्टेबल पारस नाथ पाण्डेय समेत सैकडों हेड कान्सटेबिलो की याचिका पर दिया है ।

बता दें कि याचिका में नौ सितम्बर 2020 व दस सितम्बर 2020 को पारित डीआईजी स्थापना, पुलिस मुख्यालय, उत्तर प्रदेश तथा अपर पुलिस महानिदेशक, पुलिस मुख्यालय उत्तर प्रदेश के आदेशों को चुनौती दी गयी है। इन आदेशों द्वारा प्रदेश के विभिन्न जिलों में तैनात 890 हेड कांस्टेबलों को पदावनत कर आरक्षी बना दिया गया है। उन्हें पीएसी में स्थानांतरित कर दिया गया है । वहीं न्यायालय के कहने पर शासन से प्राप्त लिखित आदेश को कांस्टेबलों की तरफ से बहस कर रहे सीनियर एडवोकेट विजय गौतम को मुहैया कराया गया ।

गौरतलब है कि प्रदेश सरकार की तरफ से अपर महाधिवक्ता मनीष गोयल ने पिछली तिथि पर इस केस में न्यायालय से तीन दिन का समय मांगा था तथा कहा था कि हम शासन से इस मामले में आवश्यक जानकारी भी हासिल कर लेगें । हेड कांस्टेबलों की तरफ से वरिष्ठ अधिवक्ता विजय गौतम ने न्यायालय से पदावनत आदेश पर रोक लगाने की मांग की थी । न्यायालय ने इस मामले में 28 सितम्बर को सुनवाई करने को कहा था।याचिकाओं में मुख्य रूप से कहा गया है कि इतने वृहद स्तर पर हेड कांस्टेबलों को पदावनत बगैर उन्हें सुनवाई का अवसर दिए करना नैसर्गिक न्याय के सिद्धान्त के विपरीत है । कहा यह भी गया है कि याचियो को 20 वर्ष के बाद सिविल पुलिस से पीएसी में वापस भेजना शासनादेशो के विरूद्ध है।


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Moulshree Tripathi

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