Prabhat Murder Case: केंद्रीय मंत्री टेनी के खिलाफ दायर मामले की सुनवाई 17 अक्टूबर तक के लिए टली

punjabkesari.in Tuesday, Sep 27, 2022 - 02:23 PM (IST)

लखनऊ: इलाहाबाद उच्च न्यायालय की लखनऊ पीठ ने वर्ष 2000 में हुई हत्या के एक मामले में केंद्रीय गृह राज्य मंत्री अजय मिश्रा उर्फ टेनी के खिलाफ राज्य सरकार की ओर से दायर अपील पर सुनवाई 17 अक्टूबर तक टाल दी है। न्यायमूर्ति रमेश सिन्हा और न्यायमूर्ति रेणु अग्रवाल की पीठ ने राज्य सरकार द्वारा 2004 में दायर अपील पर यह आदेश पारित किया।

22 साल पहले कनपटी की गई थी प्रभात की हत्‍या
प्रभात नाम के एक व्यक्ति की हत्या 8 जुलाई 22 साल पहले वर्ष 2000 में लखीमपुर खीरी में हुई थी, इस मामले में अदालत राज्य सरकार की उस अपील पर सुनवाई कर रही है, जिसमें निचली अदालत द्वारा मिश्रा को बरी किये जाने को चुनौती दी गई है। सुनवाई के दौरान, अजय मिश्रा के वकील ने पीठ को अवगत कराया कि मंत्री ने मामले की सुनवाई इलाहाबाद में उच्च न्यायालय की प्रधान पीठ को स्थानांतरित करने की मांग की थी, लेकिन 24 अगस्त, 2022 को मुख्य न्यायाधीश ने याचिका को स्वीकार करने से इनकार कर दिया। वकील ने कहा कि मिश्रा ने तब उच्‍चतम न्यायालय का रुख किया। उन्‍होंने कहा कि अगले कुछ दिनों के भीतर याचिका पर सुनवाई की संभावना है और ऐसे में अपील पर सुनवाई को तब तक स्थगित किया जाना चाहिए।

अगली तारीख पर इसी याचिका पर कोई स्थगन नहीं दिया जाएगा: HC
पीड़ित पक्ष के अधिवक्‍ता ज्योतिंद्र मिश्रा ने इस दलील का विरोध किया और कहा कि अजय मिश्रा उर्फ टेनी और अन्य को बरी करने के खिलाफ वर्तमान अपील 2004 में बहुत पहले दायर की गई थी। उन्होंने कहा कि पहले भी उसी आधार पर स्थगन की मांग की गई थी। वकीलों की बात सुनने के बाद पीठ ने कहा, “उच्चतम न्‍यायालय में क्योंकि एसएलपी दायर की गई है और डायरी नंबर आवंटित किया गया है, यह अदालत मामले को स्थगित करना उचित समझती है, लेकिन अगली तारीख पर इसी याचिका पर कोई स्थगन नहीं दिया जाएगा। ”

अदालत ने 2004 में किया था बरी
केंद्रीय गृह राज्य मंत्री और लखीमपुर खीरी के सांसद अजय कुमार मिश्रा उर्फ टेनी पर 2000 में लखीमपुर खीरी में एक युवक प्रभात गुप्ता की हत्या के मुकदमे का सामना करना पड़ा था और अदालत ने उन्हें 2004 में बरी कर दिया था, जिसके बाद राज्य ने अपील दायर की थी।

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Mamta Yadav