यहां महिलाओं के रोजगार का साधन है रावण, सड़क किनारे लगता है इसका बाजार

punjabkesari.in Friday, Sep 29, 2017 - 03:47 PM (IST)

कानपुरः विजयादशमी का त्योहार एक ऐसा त्यौहार है, जिसे बुराई पर अच्छाई की जीत कहा जाता है। पूरे देश में विजयादशमी की धूम मची हुई है। ऐसे में कानपुर में भी दशहरा की तैयारी जोरों से चल रही है। यहां शहर की सबसे पुरानी कही जाने वाली गोल चौराहे स्थित रावण मंडी है। जहां महिलाएं रावण का पुतला बनाती है।

यहां पर महिलाए बनाती हैं रावण
बता दें कि इस मंडी को पहले लंकेश्वर मंडी बोला जाता था, लेकिन अब सभी इसे रावण मंडी के नाम से जानते हैं। यहां पर सड़क किनारे कई परिवार साल से इसी तरह रावण के छोटे बड़े पुतले बनाते चले आ रहे हैं। यहां रावण के पुतले 4 फीट से लेकर 40 फीट तक तैयार किए जाते हैं। खास बात यह है कि इन पुतलो को यहां पर महिलाएं ही तैयार करती है इतना ही नहीं प्रदेश के कई जिलों से लोग रावण पुतले खरीदने आते है।

कम पैसे में मिल जाता अच्छा रावण 
खास तौर पर छोटे-छोटे बच्चों में रावण के छोटे बड़े पुतलों को लेकर जबरदस्त उत्साह देखा गया। फतेपुर निवासी हर्ष ने कहा कि वह हर साल की तरह इस बार भी हम रावण मंडी से रावण खरीदने आए है। यहां कम पैसे में ही अच्छा रावण मिल जाता है।रामलीला के लिए बच्चो के लिए 18 फ़ीट का रावण ले जा रहे है। जिसकी कीमत 2300 रुपए है। कारीगर रचना ने कहा, हम 10 साल से रावण का पुतला बना रहे हैं।

40 फीट का रावण बनाने के लिए लगते हैं 6-7 दिन 
वहीं कारीगर ने बताया कि जैसा आर्डर पार्टी से आता है, वैसा ही पुतला तैयार होता है। रावण को बनाने के लिए बांस, खपच्ची, अखबार के पेपर, दफ़्ती और चमकीले कागज का प्रयोग किया जाता है। 40 फीट का रावण बनाने के लिए करीब 6-7 दिन लगते है। 40 फीट के रावण की लागत की बात की जाए तो लागत से ज्यादा मेहनत लगती है। वहीं लागत तो करीब 5 हजार तक आती है। वहीं रावण करीब 14-15 हजार तक बिक जाता है।

400 रुपए से लेकर 20 हजार तक के पुतले होते हैं तैयार 
साथ ही कहा कि पिछले 6 साल से यहां परिवार समेत रावण के पुतले तैयार कर रहे है। छोटे बड़े रावण के पुतलों के अलग अलग रेट निर्धारित है। हमारे पास 400 रुपए से लेकर 20 हजार तक के रावण के छोटे बड़े पुतले तैयार किए जाते है। दूर-दूर से लोग यहां पुतले खरीदने आते है। रावण के पुतले बनाने का काम एक महिना पहले शुरु हो जाता है।