हाईकोर्ट ने यूपी सरकार पर लगाया 5 लाख का जुर्माना, जानिए क्या है मामला?

punjabkesari.in Saturday, Apr 20, 2024 - 06:25 PM (IST)

प्रयागराज: इलाहाबाद हाईकोर्ट ने अनावश्यक मुकदमेबाजी को बढ़ावा देने पर राज्य सरकार को फटकार लगाते हुए कहा कि निरर्थक मुकदमेबाजी के मामलों में जुर्माना लगाना केवल एक दंडात्मक उपाय नहीं है बल्कि न्यायिक प्रणाली की अखंडता को बनाए रखने और कानूनी प्रक्रियाओं के दुरुपयोग को रोकने के लिए आवश्यक उपकरण है। कोर्ट ने सुप्रीम कोर्ट के हवाले से कहा कि जुर्माने के प्रावधानों को तुच्छ मुकदमेबाजी के लिए एक निवारक के रूप में अपनाना चाहिए।



राज्य सरकार की ओर से दाखिल याचिका किया खारिज
कोर्ट ने अपने आदेश में आगे कहा कि जहां मुकदमेबाजी तुच्छ और कष्टप्रद होती है, वहां जुर्माना लगाकर अदालतें कानूनी प्रक्रिया के दुरुपयोग को रोकने और वैध दावेदारों की न्याय तक पहुंच सुनिश्चित करने के बीच संतुलन बनाती हैं। उक्त टिप्पणी न्यायमूर्ति शेखर बी सराफ की एकलपीठ ने राज्य सरकार की ओर से दाखिल याचिका को 5 लाख के जुर्माने के साथ खारिज करते हुए की।



हाईकोर्ट ने न्यायिक प्रक्रिया के दुरुपयोग पर जताई गहरी नाराजगी
न्यायिक प्रक्रिया के दुरुपयोग पर कोर्ट ने अपनी गहरी नाराजगी व्यक्त करते हुए राज्य सरकार को जुर्माने की राशि आदेश के चार हफ्तों के भीतर विपक्षी राजवीर सिंह को देने का निर्देश दिया है। दरअसल सरकार और विपक्षी के बीच बिजनौर में मध्य गंगा नहर चरण-द्वितीय परियोजना के तहत मुख्य नहर से 5.355 किलोमीटर पर क्रॉस ड्रेनेज के निर्माण के लिए एक अनुबंध किया गया था। उपरोक्त अनुबंध में पक्षकारों के बीच विवाद उत्पन्न हो गया, जिससे वर्तमान मामला उत्पन्न हुआ। वर्तमान याचिका में अपर जिला एवं सत्र न्यायाधीश, बिजनौर और वाणिज्य न्यायालय, मुरादाबाद के आदेशों को चुनौती दी गई है।

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Ajay kumar