खनन मामले में हाईकोर्ट सख्तः 2 जिलाधिकारियों को निलंबित करने के आदेश

punjabkesari.in Friday, Dec 15, 2017 - 12:42 PM (IST)

इलाहाबाद (सईद रजा): रामपुर में नियुक्ति के दौरान अवैध खनन रोकने के लिए हाईकोर्ट के आदेश का पालन नहीं करने के आरोप में 2 डीएम को निलंबित कर दिया गया है। इलाहाबाद हाईकोर्ट ने अवैध खनन के 2 वर्ष पुराने मामले में सख्त रुख अपनाया है। हाईकोर्ट ने रामपुर में डीएम रहे राकेश कुमार सिंह और राजीव रौतेला को निलंबित करने का आदेश दिया है। वर्तमान समय में राकेश कानपूर देहात और राजीव गोरखपुर के डीएम है।

जानकारी के मुताबिक इन दोनों पर हाईकोर्ट के आदेश का अनुपालन न करने का आरोप है। हाईकोर्ट के मुख्य न्यायाधीश डी.बी. भोंसले और न्यायमूर्ति एम.के. गुप्ता ने 7 दिसम्बर को दिए फैसले में राजीव रौतेला और राकेश कुमार के निलंबन के आदेश प्रदेश के मुख्य सचिव को दिए हैं। साथ ही मामले की पूरी जांच कराकर दोषी पाए जाने पर अन्य अफसरों के खिलाफ  भी कार्रवाई करने को कहा है।

इलाहाबाद हाईकोर्ट ने इस मामले में हुई कार्रवाई की रिपोर्ट 16 जनवरी को मांगी है। रामपुर जिले के दढियाल निवासी मकसूद ने 2 वर्ष पहले इलाहाबाद हाईकोर्ट में जनहित याचिका दायर कर प्रशासन की शह पर अवैध खनन कराए जाने की शिकायत की थी। हाईकोर्ट ने 24 अगस्त 2015 को प्रशासन को कार्रवाई के आदेश दिए थे। याचिका में हुसैन के्रशर के मालिक गुलाम हुसैन नन्हे पर कोसी नदी से अवैध खनन करने का आरोप लगाया था।

इस पर हाईकोर्ट ने वर्तमान जिलाधिकारी शिव सहाय अवस्थी को तलब कर लिया। इस मामले में लगातार 3 दिन 5 से 7 दिसम्बर तक कोर्ट ने सुनवाई की। कोर्ट ने कानपुर देहात के डी.एम. राकेश कुमार को भी 7 दिसम्बर को तलब किया। सुनवाई के बाद फैसला सुरक्षित रख लिया था। तब अफ सरों को फैसले की जानकारी नहीं हो सकी थी लेकिन बुधवार को हाईकोर्ट का आदेश अपलोड होने पर इसकी जानकारी जिलाधिकारी को भी मिल गई।

गौरतलब है कि मुख्य न्यायधीश दिलीप बी भोसले और न्यायधीश एमके गुप्ता ने प्रदेश के मुख्य सचिव को दोनों डीएम के खिलाफ अनुशासनात्मक कार्रवाई करने के साथ निलंबन का आदेश दिया है। 24 अगस्त 2015 को हाईकोर्ट ने दोनों डीएम को अवैध खनन में अन्य दोषी अफसरों के बारे में एक महीने के भीतर पता लगा कर कार्रवाई करने का आदेश दिया था।

वहीं इन सभी अफसरों पर भी कार्रवाई करने का आदेश दिया गया है. रामपुर के दढ़ियाल निवासी मकसूद द्वारा दायर किये गए याचिका में हाईकोर्ट ने यह फैसला दिया है। वहीं इस मामले की सुनवाई 16 जनवरी को होगी। जिसमें मुख्य सचिव से हलफनामे के साथ कार्यवाही रिपोर्ट तालाब की गयी है।