योगी के भड़काऊ भाषण मामले की मीडिया रिपोर्टिंग पर हाईकोर्ट ने लगाई रोक

punjabkesari.in Saturday, Nov 25, 2017 - 12:17 PM (IST)

गोरखपुर/इलाहाबादः सन 2008 में गोरखपुर में योगी आदित्यनाथ द्वारा दिए भड़काऊ भाषण मामले में मीडिया को रिपोर्टिंग करने से रोक दिया गया है। इलाहाबाद हाईकोर्ट ने एेसा निर्देश 2 जजों की सुनवाई के दौरान पारित किया है।

2 जजों की बेंच ने की सुनवाई
कोर्ट ने अपने आदेश में कहा कि गलत रिपोर्टिंग की वजह से प्रदेश को काफी शर्मिंदगी का सामना करना पड़ रहा है। 7 नवंबर को दिए गए अपने आदेश में 2 जजों की बेंच ने कहा कि वह इस मामले की सुनवाई की मीडिया रिपोर्टिंग पर रोक लगाने के लिए मजबूर है, जबतक कि इस मामले में फैसला नहीं आ जाता है।

मीडिया पर गलत बयान का लगा आरोप
बता दें कोर्ट ने यह निर्देश राज्य सरकार की अपील के बाद दिया है, जिसमें राज्य सरकार ने कहा था कि मीडिया ने इस खबर को गलत तरह से रिपोर्ट किया और अक्सर गलत बयान को रिपोर्ट किया गया।

फैसला आने तक रिपोर्टिंग पर लगी रोक
दरअसल जस्टिस कृष्ण मुरारी और जस्टिस अखिलेश चंद्र ने अपने फैसले में कहा कि एडिशनल एडवोकेट जनरल मनीष गोयल के मुताबिक कोर्ट में होने वाली सुनवाई की मीडिया में गलत रिपोर्टिंग हो रही है, जिसके चलते राज्य सरकार को काफी शर्मिंदगी का सामना करना पड़ रहा है, क्योंकि मीडिया में इस बारे में गलत रिपोर्टिंग की गई और गलत तरह से बयानों को छापा गया।

गुमराह करने वाले बयान ना छापे जाएंः कोर्ट
कोर्ट ने कहा कि इससे पहले भी हमारे संज्ञान में यह बात आई थी, हमने उस वक्त जुबानी तौर पर यह कहा था कि इस मामले की गलत रिपोर्टिंग नहीं की जाए और गुमराह करने वाले बयान नहीं छापे जाए। लेकिन तमाम मीडिया रिपोर्ट्स जिसे मनीष गोयल ने हमारे सामने रखा है को देखने के बाद हम यह निर्देश देने के लिए मजबूर हैं कि इस मामले की कोई भी रिपोर्टिंग नहीं होगी, जब तक कि इसका फैसला नहीं आ जाए।

सांप्रदायिक हिंसा ना भड़के इसलिए नहीं मिली अनुमति
उल्लेखनीय है कि बीते मई माह में यूपी सरकार ने हेट स्पीच मामले में 5 बार के गोरखपुर सांसद और मौजूदा मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के खिलाफ मुकदमा चलाए जाने की अनुमति देने से इनकार कर दिया था। ना सिर्फ योगी आदित्यनाथ बल्कि 4 अन्य लोगों के खिलाफ भी मुकदमा चलाए जाने से राज्य सरकार ने अनुमति देने से इनकार कर दिया था। ये सभी मामले सांप्रदायिक हिंसा को भड़काने के थे, इस तरह के मामलों में मुकदमा चलाए जाने के लिए राज्य सरकार की अनुमति की जरूरत होती है।

योगी ने अपने उपर मुकदमा चलाए जाने की अनुमति से किया इनकार
लेकिन प्रदेश की कमान संभालने के बाद खुद इस मामले में आरोपी योगी आदित्यनाथ ने अपने उपर मुकदमा चलाए जाने की अनुमति देने से इनकार कर दिया। जिसके बाद याचिकाकर्ता ने राज्य सरकार के इस फैसले को कोर्ट में चुनौती दी। अगस्त माह में कोर्ट याचिकाकर्ता की अपील को सुनने के लिए तैयार हो गया। इस याचिका में योगी आदित्यनाथ व अन्य आरोपियों के खिलाफ मुकदमा चलाए जाने की मांग की गई थी।