हाईकोर्ट का तल्ख टिप्पणी, कहा- बुलडोजर की कार्रवाई मनमानी के लिए नहीं, घर की एक ईंट रखने में वर्षों लग जाते हैं

punjabkesari.in Wednesday, Nov 08, 2023 - 09:04 PM (IST)

प्रयागराजः झूंसी में एक अधिवक्ता के घर को बुलडोजर चलवाकर तोड़े जाने के मामले में इलाहाबाद हाईकोर्ट ने तल्ख टिप्पणी की है। कोर्ट ने कहा है कि बुलडोजर की कार्रवाई मनमानी के लिए नहीं है, घर की एक ईंट रखने में वर्षों लग जाते हैं, जबकि तोड़ने में कुछ पल लगता है। बुलडोजर कार्रवाई से हैरान कोर्ट ने प्रयागराज विकास प्राधिकरण (पीडीए) के उपाध्यक्ष से 20 नवंबर तक यह बताने को कहा है कि ध्वस्तीकरण के नाम पर अब तक क्या-क्या और कैसे किया। भविष्य में क्या करने की योजना है। खंडपीठ ने मंगलवार को हाईकोर्ट के अधिवक्ता अभिषेक यादव के झूंसी स्थित मकान के ध्वस्तीकरण के खिलाफ दोपहर 12 बजे सुनवाई शुरू की।

अदालत में मौजूद पीडीए के जोनल अधिकारी संजीव उपाध्याय ने सफाई दी कि 2 नवंबर को वकील के घर को ध्वस्त किए जाने के दौरान अगले दिन हाईकोर्ट में सुनवाई की उन्हें जानकारी नहीं थी। इस पर कोर्ट ने कहा कि आप किसी के भी घर बुलडोजर ले कर खड़े होंगे और वह आपको मुकदमे की जानकारी न दे यह संभव नहीं। वह भी तब जब वो खुद वकील हो। पीडीए अधिकारी उस वक्त इधर-उधर देखने लगे। जब अदालत में बार अध्यक्ष ने सुबूत के बतौर एक ऑडियो-वीडियो रिकॉर्डिंग की सीडी पेश कर दी। इसमें दावा किया गया था कि भवन के निर्माण के दौरान प्राधिकरण के लोग पहुंचकर आम लोगों का उत्पीड़न करते हैं। इस सीडी में इसका सुबूत है। कोर्ट ने पीडीए के अधिकारियों से जवाब मांगा तो वह चुप रहे।

कोर्ट ने टिप्पणी कि इसे यहीं चलवा दें, देख लीजिए। कोर्ट ने पीडीए के विधि अधिकारी से पूछा कि ध्वस्तीकरण का नोटिस स्वविवेक देते हैं कि ऊपर से आए फरमान के मुताबिक उन्होंने बताया कि नियमानुसार जारी करते हैं। बार के अध्यक्ष ने इसका प्रतिवाद किया। कहा, नोटिस के जरिये पीडीए में भ्रष्टाचार का खेल खेला जाता है। कोर्ट ने इसका संज्ञान लेते हुए विधि अधिकारी से पीडीए में रखे नोटिस तत्काल पेश करने का आदेश दिया।

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Ajay kumar