72,885 प्रशिक्षु शिक्षकों की भर्ती मामलाः हाईकोर्ट ने प्राथमिक स्कूलों में चयनित 12,091 अभ्यर्थियों की काउंसलिंग के दिये निर्देश
punjabkesari.in Saturday, Jan 13, 2024 - 08:33 AM (IST)
प्रयागराजः इलाहाबाद हाईकोर्ट ने बेसिक परिषद द्वारा संचालित प्राथमिक स्कूलों में 72,885 प्रशिक्षु शिक्षकों की भर्ती के मामले में सुनवाई करते हुए कहा कि चयनित अभ्यर्थियों में से 12,091 अभ्यर्थी जो पहले की काउंसलिंग में शामिल नहीं हो पाए थे, उनके लिए विभाग एक नया विज्ञापन जारी करे, जिसमें चयनित अभ्यर्थियों की सूची में शामिल सभी अभ्यर्थी काउंसलिंग में उपस्थित होने के लिए स्वतंत्र होंगे, जिसका परिणाम फरवरी के अंतिम सप्ताह में जारी किया जाएगा। इसके साथ ही संबंधित विभाग को काउंसलिंग के लिए 22 और 25 जनवरी को स्थानीय समाचार पत्र में विज्ञापन प्रकाशित करने का भी निर्देश दिया गया है।
प्रत्येक अभ्यर्थी को एक नोटरी कृत शपथ पत्र प्रस्तुत करना होगा
कोर्ट ने आगे कहा कि प्रत्येक अभ्यर्थी को एक नोटरी कृत शपथ पत्र प्रस्तुत करना होगा कि वह पहले आयोजित काउंसलिंग में उपस्थित नहीं हुए थे। अतिरिक्त परामर्श के लिए संबंधित प्राधिकारी के पास 2000 रुपए भी जमा करने होंगे। जो अभ्यर्थी 12,091 उम्मीदवारों की सूची में शामिल नहीं है, उन्हें इस काउंसलिंग में अवसर नहीं दिया जा सकता है। उक्त आदेश न्यायमूर्ति सौरभ श्याम शमशेरी की एकलपीठ ने विनय कुमार पांडेय और नौ अन्य सहित दर्जनों याचिकाओं पर एक साथ सुनवाई करते हुए पारित किया।
काउंसलिंग में शामिल 4000 अभ्यर्थी में 391 अभ्यर्थी ही पाए गए योग्यः सरकारी अधिवक्ता
सरकारी अधिवक्ता का तर्क है कि 12091 उम्मीदवारों की सूची में शामिल अभ्यर्थियों को समायोजित करने के लिए 6 फरवरी 2016 और फरवरी 2016 को सहायक शिक्षकों लिए काउंसलिंग विज्ञापन जारी किया गया था, जिसमें 4000 अभ्यर्थी काउंसलिंग में शामिल भी हुए, जिसमें 391 अभ्यर्थी ही योग्य पाए गए। जबकि याची के अधिवक्ता का तर्क कि ऐसी कोई काउंसलिंग आयोजित नहीं की गई और न ही कोई विज्ञापन जारी हुआ था।
30 नवंबर 2011 को निकाली गई थी भर्ती, सुप्रीम कोर्ट में चल रहा था केस
दरअसल प्रदेश सरकार द्वारा 30 नवंबर 2011 को प्राथमिक स्कूलों में सहायक शिक्षकों की भर्ती लिए एक विज्ञापन जारी किया गया जिसे 21 अगस्त 2012 को एक सरकारी आदेश द्वारा रद्द कर दिया गया और बाद में 5 दिसंबर 2012 के शासनादेश द्वारा संशोधित नियमों के अनुसार भर्ती के लिए एक नई प्रक्रिया शुरू की गई, जिसे विभिन्न याचिकाओं के माध्यम से हाईकोर्ट और सुप्रीम कोर्ट के समक्ष चुनौती दी गई।
हो सकता है पर्याप्त जानकारी नहीं होने की वजह से 12,091 अभ्यर्थियों ने काउंसलिंग में भाग नहीं लियाः हाईकोर्ट
अंत में कोर्ट ने निष्कर्ष निकाला कि चयनित अभ्यर्थियों की सूची में से 12,091 अभ्यर्थियों ने काउंसलिंग में भाग नहीं लिया। इतनी बड़ी संख्या में अभ्यर्थियों द्वारा काउंसलिंग में भाग न लिए जाने का एक अर्थ यह भी निकाला जा सकता है कि उस समय कोई काउंसलिंग आयोजित नहीं की गई या अभ्यर्थियों को ठीक से पर्याप्त जानकारी नहीं दी गई, जिसके कारण सूची के कई अभ्यर्थी काउंसलिंग में भाग नहीं ले पाए।