Baghpat Loksabha 2024: बागपत लोकसभा सीट का इतिहास, कब किसने किसको हराया?

punjabkesari.in Saturday, Mar 30, 2024 - 02:08 PM (IST)

Baghpat Loksabha 2024: उत्तर प्रदेश की 80 लोकसभा सीटों में से बागपत लोकसभा सीट पर चुनाव हमेशा दिलचस्प होता है। यह सीट 1967 में अस्तित्व में आई। पहले चुनाव में इस सीट पर जनसंघ ने और दूसरे चुनाव में कांग्रेस ने जीत दर्ज की, लेकिन इमरजेंसी के बाद पश्चिमी उत्तर प्रदेश के इस सीट का चुनावी समीकरण ही बदल गया। आपातकाल के बाद 1977 में हुए चुनाव में पूर्व प्रधानमंत्री चौधरी चरण सिंह चुनाव जीते। 

उसके बाद हुए 1980 और 1984 के चुनाव में भी चौधरी चरण सिंह ने ही जीत दर्ज की,ये कहना भी गलत नहीं होगा कि 1977 के बाद से ये एक पारिवारिक सीट बन गई। क्योंकि चौधरी चरण सिंह के बाद उनके बेटे अजित सिंह यहां से 6 बार सांसद रहे।  अजित सिंह ने 1989, 1991, 1996, 1999, 2004 और 2009 में इस सीट से सांसद रहे। सिर्फ 1998 में हुए चुनाव में सिंह को हार का सामना करना पड़ा। लेकिन  2014 में हुए लोकसभा चुनाव में तो अजित सिंह तीसरे नंबर पर पहुंच गए। बीजेपी प्रत्याशी सतपाल सिंह ने अजित सिंह को 2 लाख वोटों के अंतर से हराया। 

बागपत लोकसभा क्षेत्र यूपी के तीन जिलों में फैला हुआ है। बागपत, गाजियाबाद और मेरठ के कुल 5 विधानसभा सीटें इस लोकसभा के अंतर्गत आती हैं।

2022 में हुए विधानसभा चुनाव में बीजेपी ने बड़ौत, बागपत, मोदीनगर नगर सीट पर जीत का परचम लहराया था, जबकि बाकी दो सीटों पर छपरौली, सिवालखास सीट पर राष्ट्रीय लोकदल ने जीत दर्ज की थी। वहीं, बात करें 2019 लोकसभा चुनाव की तो बीजेपी के सत्यपाल सिंह ने इस सीट पर जीत का परचम लहराया था।

बागपत लोकसभा सीट पर कुल मतदाता

2024 में होने वाले लोकसभा चुनाव में बागपत लोकसभा सीट पर कुल मतदाताओं की संख्या में 16 लाख 46 हजार 278 है। वहीं, अगर 2019 में हुए लोकसभा चुनाव की बात करें तो 2019 में 15 लाख 92 हजार 297 वोटरों अपने मत का प्रयोग किया था।

2019 के लोकसभा चुनाव पर एक नजर

अब अगर एक नजर पिछले लोकसभा चुनाव के के नतीजों पर डालें तो साल 2019 में इस सीट पर बीजेपी के सत्यपाल सिंह ने 5 लाख 25 हजार 789 वोट हासिल कर दूसरी बार जीत का परचम लहराया था। वहीं, राष्ट्रीय लोकदल के जयंत चौधरी 5 लाख 2 हजार 287 वोट हासिल कर दूसरे स्थान पर रहे थे।

2014 के लोकसभा चुनाव पर एक नजर

2014 में हुए लोकसभा चुनाव पर नज़र डालें तो इस सीट पर पुलिस सेवा से रिटायर होने के बाद सत्यपाल सिंह चुनाव लड़े, और जाटों के कद्दावर नेता अजित सिंह को मात दी। सत्यपाल सिंह को 4 लाख 23 हज़ार 475 वोट मिले थे जबकि समाजवादी पार्टी के गुलाम मोहम्मद को 2 लाख 13 हज़ार 609 वोट मिले थे वहीं अजित सिंह को 1 लाख 99 हज़ार 516 वोटों से ही संतोष करना पड़ा।

2009 के लोकसभा चुनाव पर एक नजर

साल 2009 की बात करें तो चौधरी अजित सिंह इस सीट से सांसद थे अजित सिंह ने बसपा के मुकेश सहनी को हराया था। अजित सिंह को 2 लाख 38 हज़ार 638 वोट मिले थे। जबकि बसपा के मुकेश साहनी को 1 लाख 75 हज़ार 611 वोट मिले थे। वहीं तीसरे नंबर पर कांग्रेस के सोमपाल थे, जिन्हे 1 लाख 36 हज़ार 964 वोट मिले थे।

2004 के लोकसभा चुनाव पर एक नजर

साल 2004 की बात करें तो चौधरी अजित सिंह इस सीट से सांसद थे। अजित सिंह ने बसपा के औलाद अली भारी मतों के अंतर से हराया था। अजित सिंह को 3 लाख 53 हज़ार 181 वोट मिले थे। जबकि बसपा के औलाद अली को को 1 लाख 32 हज़ार 543 वोट मिले थे। वहीं तीसरे नंबर पर बीजेपी के सत्यापाल सिंह थे,जिन्हे  1 लाख 2 हज़ार 317 वोट मिले थे।

 

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Imran