ब्रज के मंदिरों में फूलों की होली का चढ़ा खुमार

punjabkesari.in Sunday, Oct 11, 2020 - 03:05 PM (IST)

मथुराः अधिक मास के अवसर पर मथुरा समेत समूचे ब्रजमंडल में हिलोरें मार रही कृष्ण भक्ति की गंगा के बीच मन्दिरों में श्रद्धालु फूलों की होली तक का आनन्द ले रहे हैं। मथुराधीश मन्दिर एवं मदनमोहन मन्दिर के मुखिया ब्रजेश ने रविवार को बताया कि बल्लभकुल सम्प्रदाय के मन्दिरों में अधिकमास में वर्ष भर के प्रमुख उत्सव जैसे जन्माष्टमी, दधिकाना, होली, दीपावली, झूलन उत्सव आदि मनोरथ के रूप में मनाए जाते हैं। इसकी परंपरा की शुरूवात महाप्रभु बल्लभाचार्य जी ने की थी। इसके अन्तर्गत दो प्रकार के उत्सव होते हैं जिनमें जो उत्सव मन्दिर की ओर से निर्धारित किए जाते हैं उनमें कोई परिवर्तन नही होता लेकिन जो मनोरथ भक्त के द्वारा होते हैं उनमें परिवर्तन हो जाता है।

उन्होंने बताया कि भक्त द्वारा निर्धारित मनोरथ भक्त की इच्छा के अनुरूप होते हैं। अन्तर इतना है कि जैसे होली रंग की भी होती है मगर मनोरथ में होली फूलों की ही होती है। यह बात दीगर है कि उस समय वातावरण इतना भावमय हो जाता है कि भक्त और दर्शकों को यह अनुभव होने लगता है कि ठाकुर की कृपा की वर्षा हो रही है। विख्यात द्वारकाधीश मंदिर में अब तक होली के कई उत्सव हो चुके हैं जबकि वृन्दावन के राधाश्यामसुन्दर मन्दिर और राधा दामोदर मन्दिर में कोरोनावायरस के कारण उत्सव में भक्तों को शामिल नही किया जा रहा है तथा भक्त केवल दर्शन कर अपनी तृष्णा बुझा रहे हैं।

गोवर्धन की परिक्रमा से लेकर चौरासी कोस की परिक्रमा तक, मथुरा की परिक्रमा से बरसाना की गहवर वन की परिक्रमा तक अथवा वृन्दावन की परिक्रमा आदि में जिस प्रकार से अपार जनसमूह परिक्रमा कर रहा है,उससे लगता है कि कन्हैया की नगरी से कोरोनावायरस का प्रकोप समाप्त हो गया है। 


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Tamanna Bhardwaj

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