आवारा जानवरों से खौफजदा हैं उत्तर प्रदेश के बाशिंदे, गली कूचों से लेकर खेत खलिहान तक आतंक

punjabkesari.in Saturday, May 05, 2018 - 04:40 PM (IST)

लखनऊ: उत्तर प्रदेश में गली कूचों से लेकर खेत खलिहान तक आवारा जानवरों के खौफ से लोग थर्राये हुए हैं। पिछले चार दिनों के भीतर सीतापुर समेत कुछ अन्य इलाकों में आवारा कुत्तों ने 12 से अधिक मासूमों का अपना शिकार बनाया है वहीं व्यस्त सड़कों पर चहलकदमी करते आवारा मवेशी सड़क हादसों का सबब बन रहे हैं। ग्रामीण क्षेत्र भी छुट्टा विचरण कर रहे मवेशियों के झुंड से खौफजदा है।

आम जनता से लेकर अधिकारी वर्ग तक आवारा जानवरों की अचानक बढी तादाद के पीछे सरकारी नीति को जिम्मेदार मानता है मगर वे खुले तौर पर इस बारे में कुछ भी बोलने से कतराते हैं। लखनऊ नगर निगम के एक वरिष्ठ अधिकारी ने नाम न छापने की शर्त पर कहा कि बूचडख़ानों पर लगी रोक आवारा जानवरों की बढ़ती आबादी की जिम्मेदार है।

सीतापुर में आदमखोर कुत्तों के हमले से पिछले तीन महीनों में 12 बच्चे अकाल मृत्यु का शिकार हुये है। कुत्तों की दहशत इस कदर व्याप्त है कि ग्रामीणों ने अपने बच्चों को स्कूल भेजना भी बंद कर दिया है। ग्रामीणों की टोलियां आदमखोर कुत्तों को खदेड़ रही है। कई कुत्तों को मार गिराया गया है। इसके बावजूद कुत्तों के दहशत का दायरा बढ़ता जा रहा है। ऐसी स्थिति में लोगों ने अपनों की सुरक्षा के लिए हथियार लेकर चलना शुरू कर दिया है।

अपर पुलिस अधीक्षक मधुबन कुमार सिंह ने बताया कि शहर कोतवाली के बुरहानापुर गाँव निवासी वीरेन्द्र (12) कल गाँव के बा$ग में अमिया बीनने गया था कि रास्ते में आवारा कुत्तों के झुण्ड ने उस पर हमला कर दिया। गंभीर घाव होने की वजह से उसकी मृत्यु हो गयी। दूसरी घटना थाना खैराबाद क्षेत्र के महसीपुर गांव में हुई जहां मह्सीपुर गांव की गीता (06) खेत की तरफ जा रही थी कि अचानक कुत्तों के झुण्ड ने हमला कर दिया। इस हमले में गीता गंभीर रूप से घायल हो गयी और गांव वालों के पहुंचने से पहले उसने दम तोड़ दिया। ग्रामीणों ने कुत्तों को काफी दूर तक खदेड़ा।

Tamanna Bhardwaj