बाढ़ का खौफनाक मंजर: उजड़ने की कगार पर नगला गांव, गंगा में समाए 2 दर्जन से अधिक आशियाने

punjabkesari.in Friday, Aug 27, 2021 - 12:44 PM (IST)

फर्रुखाबाद: उत्तर प्रदेश के फर्रूखाबाद में गंगा की धारा का रुख गांव की ओर हो जाने से धारा नगला गांव भी उजड़ने की कगार पर पहुंच गया है। गंगा नदी के उफान पर आने से एक बार फिर तटीय इलाकों के लिए खतरा बढ़ गया है। लगातार कटान से अब तक 2 दर्जन से अधिक घरों की जमीन गंगा में समा चुकी है। इन परिवारों के सामने अपने घर का सामान रखने, शौचालय व जानवरों को बांधने की भी समस्या है। इसके साथ ही कटान के भय से 30 से ज्यादा अन्य परिवार भी मकान तोड़कर ईंटें आदि ट्रैक्टर से भरकर दूसरे स्थान पर ले जा रहे हैं।


बता दें कि फर्रुखाबाद में इस समय गंगा का जलस्तर चेतावनी बिंदु से सिर्फ दस सेंटीमीटर ही नीचे है। बांधों से पानी की मात्रा फिर से बढ़ा दी गयी है इससे जलस्तर और बढ़ने की संभावना है। जलस्तर बढ़ने से नदी के मुहाने पर बसे गांव में तेजी से कटान हो रहा है। इससे ग्रामीण खौफजदा हैं। कई गांव के अंदर तक पानी पहुंच गया है लोग जिंदगी बचाने की जद्दोजहद में तेजी के साथ जुट गए हैं। पांचाल घाट की ओर से गंगा की धार फतेहपुर कायस्थान ग्राम पंचायत के गांवों की ओर मुड़ी है। इसके चलते कल्लूनगला गांव का अस्तित्व खत्म हो चुका है। अब कटान का कहर प्रधान कश्मीर सिंह के गांव धारा नगला की ओर है। आगे की ओर बसे प्रधान सहित 16 लोगों ने मकान तोड़कर सामान निकाल लिया था।


इनके मकानों की जगह व बचा हुआ मलबा गंगा में समा चुका है। इससे प्रधान के साथ ही बलवीर, किशनपाल, मानसिंह, लायक, सुल्तान, वीरेंद्र, इच्छाराम, रामनिवास, उमेश, सतीश, विनोद, रामलड़ैते, जदुनंदन, सिद्धनाथ व रामकिशोर बेघर हो गए हैं। वहीं पीछे की ओर बसे 30 से ज्यादा परिवारों को आशंका है कि कटान का प्रकोप उनके घरों तक आ सकता है। इसलिए वह भी मकान तोड़ रहे हैं। प्रधान कश्मीर सिंह ने बताया कि कटान से बेघर हुए जिन लोगों के पास दूसरे स्थान पर अपनी जगह है, वहां मुख्यमंत्री आवास स्वीकृत किया जाए। हैंडपंप व शौचालयों की व्यवस्था होनी चाहिए। गंगा का जलस्तर फिर बढ़ रहा है। रामगंगा नदी का जलस्तर बिलोगेज में चल रहा था जो अब गेज में आ गया है और इस नदी का जल स्तर 134 मीटर पर आ गया है। नरौरा बांध से गंगानदी में 45980, हरिद्वार से 94775, बिजनौर से 46499 क्यूसेक पानी पास किया गया है। रामगंगा नदी में 5264 क्यूसेक पानी भेजा गया है। यह पानी 15 घंटे के भीतर आ जाएगा। शमसाबाद तराई के अलावा कंपिल की कटरी और गंगापार क्षेत्र के पूर्वी और पश्चिमी क्षेत्र में फिर से खतरा बढ़ा है।

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Umakant yadav