कैसा ये इश्क है? नवजात बच्चा लिए आशिक के घर धरने पर बैठी महिला, बोली नहीं मिला तो प्राण त्याग दूंगी
punjabkesari.in Friday, May 07, 2021 - 06:15 PM (IST)
जौनपुरः कहते हैं कि सात फेरों और वचनों के बाद पत्नी पति की अर्धांगनि बन जाती है। उसके हर सुख-दुख में साथ चलती व जीवन भर उसकी साथ ही रहने का प्रण भी लेती है। यही चीजें पति की ओर से भी होता है। मगर जब इश्क का भूत चढ़ता है तो न जाने क्या-क्या करवा देता है। ताजा मामला उत्तर प्रदेश के जौनपुर से है। जहां अपने प्रेमी के घर के सामने एक पत्नी अपने दुधमुंहे बच्चे के साथ दो दिनों से अनशन पर बैठी है। मौके से प्रेमी फरार है और घर का दरवाजा अंदर से बंद है। दूसरी तरफ महिला का पति थाने में उसकी गुमशुदगी की तहरीर देकर आया है।
बता दें कि मामला महराजगंज थाना क्षेत्र के केवटली बाजार का है। यहां के मौलाना समसुल वारिस के बड़े बेटे मोलवी कमरुल वारिस मोहल्ले में ही बच्चों को उर्दू की कोचिंग करने जाते थे। मोहल्ले की ही एक शादीशुदा युवती जमीरुल खातून के साथ पिछले तीन वर्षों से उसका इश्क चल रहा था। प्रेमिका का पति रोजी-रोटी के सिलसिले में मुंबई रहता था लेकिन लॉकडाउन में घर वापस आकर मजदूरी का काम कर रहा था। एक महीने पहले युवती दवा के लिए कोलकाता स्थित अपने मायके चली गई लेकिन प्रेमी के साथ उसका संबंध बना रहा।
महिला ने बताया कि प्रेमी के बुलाने पर वह 28 अप्रैल को वाराणसी आ गई। वहां से दोनों छिपकर प्रेमी की बड़ी बहन के यहां तीन दिनों तक रुके रहे। इसके बाद प्रेमी जोड़ा महाराजगंज आकर अपने पिता के पुराने मकान में रुका रहा। अब युवती का आरोप है कि प्रेमी के पिता ने उससे कहा कि तुम तलाक लेकर आओ मैं तुम्हारी अपने बेटे से शादी करा दूंगा। मेरा प्रेमी भी मुझसे यह कह कर गया है कि तुम तलाक लेकर आओ मैं तुमसे शादी करूंगा लेकिन भाई और पिता द्वारा मेरे प्रेमी को डरा-धमका कर भगा दिया गया है। प्रेमी कह कर गया है कि जब तक मैं वापस ना आऊं यही मेरे घर पर ही रहना। जब तक मेरा प्रेमी वापस नहीं आएगा मैं यहीं घर के सामने बैठकर अपना प्राण त्याग दूंगी।
महिला ने बताया कि उसका प्रेमी के साथ पिछले तीन वर्षों से संबंध है। 20 माह का बेटा भी उसके प्रेमी का ही है। उसने बताया कि पिछले दो दिनों से मैंने कुछ भी नहीं खाया है। मैं भूख हड़ताल पर बैठी हूं। यदि प्रेमी के घर से खाना मिला तो उसे जरुर खाऊंगी। गोद में बालक भी भूख से रो रहा था। ऐसे में ग्रामीणों ने बच्चे के लिए दूध की व्यवस्था की है।