मजदूर मां और मासूम बेटे के दर्द का मानवाधिकार ने लिया संज्ञान, मुख्य सचिव और आगरा के डीएम को नोटिस

punjabkesari.in Saturday, May 16, 2020 - 12:12 PM (IST)

लखनऊ/आगरा: कोरोना वायरस के बढ़ते संक्रमण को रोकने के लिए देश भर में लॉकडाउन जारी है। ऐसे में प्रवासी मजदूरों के सामने रोजी-रोटी का संकट आन पड़ा है। जिससे कुछ पैदल या कुछ सराकरी वाहनों से अपने गंतव्य तक पहुंच रहे हैं। इसी बीच ट्राली बैग पर मासूम बेटे को लिटाकर उसे खींचते हुए पैदल जाने वाली मां के मामले का राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग ने संज्ञान लिया है। आयोग ने मामले को गंभीरता से लेते हुए सूबे के मुख्य सचिव और आगरा के डीएम को नोटिस जारी कर उनसे चार सप्ताह में जवाब तलब किया है। इसके अलावा अन्य मामलों पर भी चिंता जताई है।
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आयोग ने कहा- यह मानवाधिकारों का हनन
बता दें कि यह मामला आगरा के एमजी रोड का है। 13 मई को पंजाब से पैदल आ रहा प्रवासी श्रमिकों का दल यहां से गुजर रहा था। इसमें शामिल एक महिला अपने मासूम बेटे को ट्रॉली बैग पर लिटाकर उसे खींचते हुए ले जा रही थी। जिसका वीडियो सोशल मीडिया पर खूब वायरल हुआ। जिससे सरकार के दावे और स्थानीय प्रशासन की जमकर फजीहत हुई। सोशल मीडिया पर वीडियो वायरल होने के बाद राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग ने इस मामले को गंभीरता से संज्ञान में लेते हुए इसे मानवाधिकारों का हनन बताया है।
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इसके अलावा भी कई मामले प्रकाश में आए:आयोग
आयोग ने कहा है कि पंजाब से होकर झांसी जा रही महिला द्वारा अपने बच्चे को सूटकेस पर रख तक घसीटते हुए ले जाए जाने का तथ्य सामने आया है। इसके अलावा भी कई मामले प्रकाश में आ रहे हैं। आयोग ने कहा है कि यह चिंता का विषय है कि इस महिला व उसके बच्चे की तकलीफ को स्थानीय अधिकारियों को छोड़ बाकी सब समझ रहे हैं। इस मामले में आयोग ने नोटिस जारी करते हुए चार सप्ताह में विस्तृत रिपोर्ट तलब की है। आयोग ने यह भी पूछा है कि इस मामले में दोषी अधिकारियों के खिलाफ क्या कदम उठाए गए?


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Umakant yadav

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